कर्नाटक सरकार ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से विदेशी नागरिक में पाए गए वैरिएंट पर स्पष्टता मांगी है।
डॉ. सुधाकर ने कहा, ‘मैं ओमीक्रोन वैरिएंट पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। हम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आइसीएमआर के साथ चर्चा कर रहे हैं। दो में से एक विदेशी यात्री की उम्र 63 वर्ष हैं। यह यात्री ऐसे वैरिएंट से संक्रमित हुआ है, जो डेल्टा से अलग है। आइसीएमआर से सलाह ली गई है। स्थिति जल्द स्पष्ट होगी।’
डॉ. सुधाकर ने कहा कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका समेत अन्य देशों में सहयोगियों और चिकित्सा विशेषज्ञों से बात की है। आश्वस्त करने वाले कारकों में से एक यह है कि जिन चिकित्सकों ने नए वैरिएंट के संक्रमितों का उपचार किया है, उनके अनुसार ओमीक्रोन वैरिएंट तेजी से फैलता है। लेकिन डेल्टा की तरह खतरनाक नहीं है। संक्रमण की गंभीरता भी कम है।
लक्षणों में मतली, उच्च रक्तचाप आदि शामिल हैं। पिछले वैरिएंट के विपरीत स्वाद और गंध न आने की शिकायत नहीं होती है। संक्रमित को थकान ज्यादा होती है। लेकिन अस्पताल या आइसीयू में भर्ती होने की जरूरत कम पड़ती है।
डॉ. सुधाकर ने कहा कि पिछले 10 से 15 दिनों में कर्नाटक पहुंचे सभी यात्रियों पर पिछले दो दिनों से नजर रखी जा रही है। एक दिसंबर तक नए वेरिएंट और इसकी विशेषताओं व पैटर्न पर एक रिपोर्ट मिल जाएगी। नवीनतम जानकारी के अनुसार नया वेरिएंट 12 अलग-अलग देशों में मिला है। इन देशों से कई यात्री कर्नाटक पहुंचे हैं। सभी के पहचान की कोशिशें जारी हैं।
प्रदेश कोविड-19 तकनीकी सलाहकार समिति राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के लगातार संपर्क में है। वे वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अतिरिक्त उपायों पर निर्णय लेने के लिए मंगलवार को एक बैठक का हिस्सा होंगे।