हासन. जैन तीर्थ श्रवणबेलगोला के चामुण्डराय सभा मण्डप में आचार्य प्रसन्न सागर के 36 वें दीक्षा दिवस पर आचार्य के चरणों का प्रक्षालन किया गया। इस अवसर पर श्रवणबेलगोला के भट्टारक अभिनव चारुकीर्ति स्वामी ने आचार्य प्रसन्न सागर के चरणों में पुष्पवृष्टि की। आचार्य प्रसन्न सागर ने मूलाचार ग्रंथ का स्वाध्याय किया । आचार्य ने कहा कि दीक्षा सिर्फ वेश परिवर्तन का नाम नहीं, अपितु भाव परिवर्तन का पुरुषार्थ, आत्म ज्योति की ललक और दीक्षित होने के परिणामों का सदैव सुमिरन का ही सर्वोत्तम पल है – दीक्षा। कार्यक्रम उपाध्याय पीयूष सागर की देखरेख में आयोजित किया गया।