सूत्रों के अनुसार परिवहन विभाग लम्बे अरस से निजी बसों के लिए विशेष टर्मिनलों के निर्माण का पक्षधर रहा है। विभाग की यह परिकल्पना जल्द ही साकार होने की संभावना बढ़ गई क्योंकि बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने सेंट्रल सिल्क बोर्ड, पीनिया और बैयप्पनहल्ली में निजी बस टर्मिनल बनाने के लिए भूमि आवंटित करने का मार्ग प्रशस्त किया है।
निजी बसों अव्यस्थित पार्किंग के कारण आए दिन कई सडक़ों पर जाम की नौबत आ जाती है और वाहन चालकों सहित आसपास के वाणिज्यिक और आवासीय क्षेत्र के लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। इस संबंध में विभिन्न नागरिक संगठनों और शहरी परिवहन विशेषज्ञों ने कई बार सरकार से निजी बसों के लिए विशेष टर्मिनलों के निर्माण की मांग की। इसके अतिरिक्त निजी बसों के कारण सार्वजनिक परिवहन निमगों के बसों को भी परेशानी होती है। इसलिए परिवहन विभाग भी इसे क्रियान्वित करना चाहता है।
हाल ही में विभाग ने उन सडक़ों, रूट और बस अड्डों का सर्वेक्षण शुरू किया है जिन पर निजी बसों का सर्वाधिक आवागमन होता है। जनवरी के अंत तक विभाग पर अध्ययन रिपोर्ट आने की संभावना है।
राज्य के मुख्य सचिव ने भी परिवहन विभाग सहित बेंगलूरु मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (बीएमआरसी एल) को कहा था कि निजी बस टर्मिनल निर्माण के लिए बैयप्पनहल्ली, सेंट्रल सिल्क बोर्ड और पीनिया स्थित जमीन का निरीक्षण करें। अगर निजी बस टर्मिनलों का निर्माण होता है तो शहर के कोर एरिया में ट्रैफिक जाम की बड़ी बाधा दूर हो जाएगी।
प्रवेश प्रतिबंध के बावजूद अराजकता
सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (सीबीडी) में निजी बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध के नियमों के बावजूद यातायात संबंधी अराजकता व्याप्त है। बीबीएमपी, बेंगलूरु विकास प्राधिकरण (बीडीए), यातायात पुलिस, शहरी भूमि परिवहन निदेशालय और अन्य सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों वाली एक समिति का गठन किया गया है जो इस प्रतिबंध के प्रभावी क्रियान्वयन की रूपरेखा तय करेंगे।
मजबूरी में बंद करना पड़ा पीनिया बस डिपो
निजी बसें मैजेस्टिक से चलने के कारण केएसआरटीसी को भी परेशानी झेलनी पड़ी है। वर्ष २०१४ में केएसआरटीसी ने ३९.२५ करोड़ रुपए की लागत से बने पीनिया बस डिपो से हुब्बल्ली, हासन, बल्लारी, होसपेट, शिवमोग्गा, तुमकूरु आदि रूटों के लिए १०२१ बस शेड्यूल की शुरुआत की थी। पीनिया बसवेश्वर बस डिपो को विशेष सुविधाओं से युक्त किया गया, जिसमें वाणिज्यिक परिसर, पार्किंग सुविधा, सुसज्जित शौचालय, अग्रिम आरक्षण बुकिंग काउंटर, कैंटीन, सामान रखने वाले कमरे, प्रतीक्षालय और विश्राम कक्ष शामिल हैं।
केएसआरटीसी ने जब अपनी बस सेवाओं को पीनिया स्थानांतरित किया तो यात्रियों ने केएसआरटीसी के बदले निजी बसों को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी क्योंकि निजी बसें पूर्ववत मैजेस्टिक से चल रही थीं। मजबूरी में केएसआरटीसी ने पीनिया डिपो बंद कर दिया और अब करोड़ों की लागत का डिपो बेकार पड़ा है। माना जा रहा है कि जब निजी बसों को पीनिया सहित अन्य बाहरी क्षेत्रों में टर्मिनल बनाकर रोका जाएगा तब पीनिया बस डिपो के दिन फिरेंगे।
शहर में नहीं होगा निजी बसों का प्रवेश
तीनों प्रस्तावित टर्मिनलों के निर्माण के बाद निजी बसों का शहर के भीतर प्रवेश बंद हो जाएगा। बैयप्पनहल्ली, सेंट्रल सिल्क बोर्ड और पीनिया शहर के तीन हिस्सों में हैं और प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़े हैं। ऐसे में राज्य तथा पड़ोसी राज्यों से आने वाली निजी बसें बाहरी क्षेत्र में ही रुक जाएंगी और निजी बसों के कारण होने वाली पार्किंग और जाम की समस्या दूर हो जाएगी। विशेषकर चामराजपेट, टीपू सुल्तान रोड, कलासिपाल्या मार्केट, आनंद राव सर्कल आदि से हर दिन खुलने वाली सैंकड़ों बसों को शहर के बाहर ही रोका जा सकेगा।