उन्होंने रविवार को यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई तथा एआइसीसी के संचार समन्वयक संजीव सिंह के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि योगी स्टार प्रचारक बनकर दूसरे राज्यों की आलोचना कर रहे हैं लेकिन उनके खुद के राज्य में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। वहां पर गुंडाराज इस कदर बढ़ गया है कि बलात्कार पीडि़ता के पिता को न्याय मांगने पर जेल में ही मार डाला जाता है। योगी की सरकार के राज में अल्पसंख्यक, ओबीसी, दलितों तथा महिलाओं को प्रतिदिन अपनी जान का भय सताता रहता है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि योगी के सत्ता में आने के बाद सामान्य आपराधिक प्रकरण 9,075 से बढ़ कर 11,249 तक पहुंच गए हैं। यूपी सरकार के किसानों की ऋण माफी के दावों की पोल खोलते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत कई किसानों को मात्र 1 रुपया मिला है और भाजपा योगी को बचत करने वाला बताकर सराह रही है। दलित उत्पीडऩ के मामलों में उत्तर प्रदेश सारे देश में अव्वल है। राज्य में न्याय दम तोड़ चुका है और सरकार ने मुजफ्फरनगर तथा शामली में हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़े 131 केस वापस ले लिए हैं।
बब्बर ने कहा कि राज्य में फर्जी मुठबेड़ के मामले बढ़ते जा रहे हैं और भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद ऐसे 38 मामले प्रकाश में आए हैं। उत्तर प्रदेश निवेशक सम्मेलन में 4 लाख करोड़ के निवेश करारों पर हस्ताक्षर किए गए थे लेकिन राज्य में वास्तविक निवेश 20 फीसदी भी नहीं हुआ और यूपी सरकार इस बारे में झूठ बोल रही है। दूसरी तरफ कर्नाटक में हम मजबूत व प्रगतिशील प्रशासन देख रहे हैं। योगी आदित्यनाथ को कांच के घरों में बैठकर दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए।