scriptसिद्धू की मांग : सावरकर नहीं, इस संत को मिले भारत रत्न | Instead of savarkar, Give Bharat Ratna to Shivakumar swamy : Siddu | Patrika News

सिद्धू की मांग : सावरकर नहीं, इस संत को मिले भारत रत्न

locationबैंगलोरPublished: Oct 21, 2019 12:51:50 am

Submitted by:

Jeevendra Jha

सिद्धरामय्या ने कहा कि वे भी हिंदू हैं और उन्होंने कभी भी किसी हिंदू व्यक्ति को भारत रत्न देने का विरोध नहीं किया है

सिद्धू की मांग : सावरकर नहीं, इस संत को मिले भारत रत्न

सिद्धू की मांग : सावरकर नहीं, इस संत को मिले भारत रत्न

बेंगलूरु. वीर सरकार को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने के प्रस्ताव पर राज्य में नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर नहीं थम रहा है। सावरकर को भारत रत्न देने की मांग के लिए भाजपा की तीखी आलोचना करने वाले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने अब केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि सावरकर के बजाय राज्य के एक प्रमुख मठ के प्रमुख रहे संत को यह सम्मान दिया जाना चाहिए।

विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरामय्या ने कहा कि सरकार को सावरकर के बजाय तुमकूरु स्थित सिद्धगंगा मठ के प्रमुख रहे डॉ शिवकुमार को यह सम्मान देना चाहिए। 111 वर्षीय शिवकुमार स्वामी का इसी साल जनवरी में निधन हो गया था। सिद्धरामय्या ने कहा कि चलते-फिरते भगवान कहे जाने वाले शिवकुमार स्वामी परोपकारी, शिक्षक और मानवतावादी थे। राजीनीतिक तौर पर काफी प्रभावी माने जाने वाले लिंगायत समुदाय के मठ प्रमुख को पहले भी भारत रत्न सम्मानित किए जाने की मांग उठती रही है।

मैसूरु में रविवार को पत्रकारों से बातचीत में सिद्धरामय्या ने कहा कि भाजपा की राय जो भी हो लेकिन मेरा मानना है कि सावरकर के बजाय शिवकुमार स्वामी को भारत रत्न दिया जाना चाहिए। सिद्धरामय्या ने पिछले सप्ताह कहा था कि सावरकर महात्मा गांधी की हत्या के मामले में आरोपी रह चुके हैं। सिद्धरामय्या के इस बयान पर काफी विवाद हो चुका है। सिद्धरामय्या ने कहा कि अभी सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। हमारी मांग है कि शिवकुमार स्वामी को भारत रत्न दिया जाए। सिद्धरामय्या ने कहा कि सावरकर हिंदुत्वाद के समर्थक हैं इसलिए हम उनका विरोध कर रहे हैं। इसमें विवाद कहां है। सिद्धरामय्या ने कहा कि सावरकर के हिंदुत्व के प्रतिपादक होने की वजह से उनको सम्मानित करने की बातें की जा रही हैं। सिद्धरामय्या ने कहा कि वे भी हिंदू हैं और उन्होंने कभी भी किसी हिंदू व्यक्ति को भारत रत्न देने का विरोध नहीं किया है, बल्कि हिंदुत्व के नाम पर सांप्रदायिकता के बीज बोने वालों को यह सम्मान नहीं देने की बात कही है।
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