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बैंगलोर

सीमित दायरे से निकल बड़ा अंतरिक्ष उद्यम बनने की होगी कोशिश: सोमनाथ

-देशवासियों को प्रेरित करने की परंपरा को बढ़ाएंगे आगे-अंतरिक्ष कार्यक्रमों के निर्माणकर्ता बनें निजी क्षेत्र-नव नियुक्त इसरो अध्यक्ष से बातचीत

बैंगलोरJan 15, 2022 / 01:36 pm

Rajeev Mishra

सीमित दायरे से निकल बड़ा अंतरिक्ष उद्यम बनने की होगी कोशिश: सोमनाथ

सीमित दायरे से निकल बड़ा अंतरिक्ष उद्यम बनने की होगी कोशिश: सोमनाथ

बेंगलूरु.
प्रख्यात रॉकेट विज्ञानी एवं विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी), तिरुवनंतपुरम के निदेशक रहे एस. सोमनाथ ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नए अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के नए सचिव तौर पर पदभार संभाल लिया। सोमनाथ इसरो के 10 वें अध्यक्ष हैं। निवर्तमान अध्यक्ष के. शिवन ने सोमनाथ को पदभार सौंपा। भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएससी) बेंगलूरु के पूर्व छात्र सोमनाथ ने देश के दो मुख्य प्रक्षेपण यानों पीएसएलवी और जीएसएलवी के विकास में अहम भूमिका निभाई। उनके ही नेतृत्व में एलएमवी3-एक्स/केयर मिशन को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजकर वापस बंगाल की खाड़ी में उतारा गया था। क्रायोजेनिक इंजन सीई-20 और सीई-25 के विकास में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा है। नए इसरो अध्यक्ष सोमनाथ से ‘पत्रिका’ ने बातचीत की। पेश है बातचीत के संक्षिप्त अंश:
प्रश्न: विक्रम साराभाई, सतीश धवन और प्रोफेसर यूआर राव जैसे वैज्ञानिकों ने जिस संगठन का नेतृत्व किया उसका नेतृत्व अब आप करेंगे। आपकी प्रतिक्रिया?
सोमनाथ: ये महान विभूतियां इसरो की स्तंभ हैं। देशवासियों के लिए वे प्रेरणास्रोत रहे हैं। हम उनपर गर्व करते हैं। मेरा प्रयास होगा कि देशवासियों को प्रेरित करने की उन परंपराओं को आगे बढ़ाएं। अनुप्रयोग (एप्लीकेशन) आधारित अंतरिक्ष कार्यक्रमों का विकास हो। भारत की आम जनता को सबसे महत्वपूर्ण मानकर उनके लिए काम करें। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मिशन को आगे बढ़ाएं जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष कार्यक्रमों को अधिक सक्रिय बनाना तथा अंतरिक्ष का द्वार हर किसी के लिए खोलना है। मेरा प्रयास होगा कि अंतरिक्ष कार्यक्रमों की पहुंच देश के हर हिस्से तक हो। हम अपने कार्य के सीमित दायरे से निकलकर एक बड़ा अंतरिक्ष उद्यम बनें इसकी कोशिश होगी।
प्रश्न: आप ऐसे समय में इसरो का कार्यभार संभाल रहे हैं जब कई नए मिशन, नए कार्यक्रम, नई तकनीकों के विकास पर काम हो रहा है। आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?
सोमनाथ: मुझे इसकी योजना बनानी होगी। मुझे नएपोजिशन में अपनी टीम के साथ काम करने का थोड़ा समय चाहिए। मैं समीक्षा करूंगा और यह यह जानने की कोशिश करूंगा कि पूरा सिस्टम किस तरह सोच रहा है। तमाम पहलुओं पर गौर करने और समझने के बाद जल्द ही प्राथमिकताएं तय कर लेंगे।
अंतरिक्ष निजी उद्योगों को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है? निजी क्षेत्र से क्या उम्मीदें हैं और इसरो की क्या जिम्मेदारी होगी?
सोमनाथ: हम उम्मीद करते हैं कि निजी क्षेत्र अंतरिक्ष कार्यक्रमों के निर्माणकर्ता बनें। सिर्फ जो मिल रहा है उससे संतुष्ट ना हो जाएं। नए आइडिया लेकर आएं। नए इनोवेेशन लाएं और अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों से अंतर पैदा करें। तभी भविष्य में वित्तीय रूप से व्यवहारिक बनेंगे और जिस माहौल में काम करना चाहते हैं वैसा माहौल बन पाएगा। इसरो पर निर्भर रहने के बजाय अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों से रोजगार पैदा करें। उन्हें अंतरिक्ष के क्षेत्र में निवेश करना होगा। इसरो की जिम्मेदारी यह होगी हम उनके लिए एक अच्छा माहौल बनाएं ताकि वे अपना योगदान बेहतर ढंग से कर सकें।
प्रश्न: पिछले दिनों में काफी कम मिशन लांच हुए हैं? गतिविधियां काफी कम रही हैं? उन्हें फिर से शुरू करना होगा?
सोमनाथ: नहीं..नहीं। फिर से शुरू करने जैसी कोई बात नहीं है। सबकुछ ठीक है। विभिन्न कारणों से मिशन लांच नहीं हो पा रहे हैं। उनपर ध्यान देना होगा। जरूरी सुधार के बाद उन्हें जारी रखेंगे। तमाम मिशनों और परियोजनाओं के लिए हमने पहले से ही हर जगह आवश्यक बुनियादी ढांचे और मैकेनिज्म तैयार किए हैं। सभी अंशधारकों से बात कर उन्हें आगे बढ़ाएंगे। यहीं आवश्यक है। बाकी कोई मुद्दा नहीं है।

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