सोमनाथ: ये महान विभूतियां इसरो की स्तंभ हैं। देशवासियों के लिए वे प्रेरणास्रोत रहे हैं। हम उनपर गर्व करते हैं। मेरा प्रयास होगा कि देशवासियों को प्रेरित करने की उन परंपराओं को आगे बढ़ाएं। अनुप्रयोग (एप्लीकेशन) आधारित अंतरिक्ष कार्यक्रमों का विकास हो। भारत की आम जनता को सबसे महत्वपूर्ण मानकर उनके लिए काम करें। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मिशन को आगे बढ़ाएं जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष कार्यक्रमों को अधिक सक्रिय बनाना तथा अंतरिक्ष का द्वार हर किसी के लिए खोलना है। मेरा प्रयास होगा कि अंतरिक्ष कार्यक्रमों की पहुंच देश के हर हिस्से तक हो। हम अपने कार्य के सीमित दायरे से निकलकर एक बड़ा अंतरिक्ष उद्यम बनें इसकी कोशिश होगी।
सोमनाथ: मुझे इसकी योजना बनानी होगी। मुझे नएपोजिशन में अपनी टीम के साथ काम करने का थोड़ा समय चाहिए। मैं समीक्षा करूंगा और यह यह जानने की कोशिश करूंगा कि पूरा सिस्टम किस तरह सोच रहा है। तमाम पहलुओं पर गौर करने और समझने के बाद जल्द ही प्राथमिकताएं तय कर लेंगे।
सोमनाथ: हम उम्मीद करते हैं कि निजी क्षेत्र अंतरिक्ष कार्यक्रमों के निर्माणकर्ता बनें। सिर्फ जो मिल रहा है उससे संतुष्ट ना हो जाएं। नए आइडिया लेकर आएं। नए इनोवेेशन लाएं और अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों से अंतर पैदा करें। तभी भविष्य में वित्तीय रूप से व्यवहारिक बनेंगे और जिस माहौल में काम करना चाहते हैं वैसा माहौल बन पाएगा। इसरो पर निर्भर रहने के बजाय अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों से रोजगार पैदा करें। उन्हें अंतरिक्ष के क्षेत्र में निवेश करना होगा। इसरो की जिम्मेदारी यह होगी हम उनके लिए एक अच्छा माहौल बनाएं ताकि वे अपना योगदान बेहतर ढंग से कर सकें।
सोमनाथ: नहीं..नहीं। फिर से शुरू करने जैसी कोई बात नहीं है। सबकुछ ठीक है। विभिन्न कारणों से मिशन लांच नहीं हो पा रहे हैं। उनपर ध्यान देना होगा। जरूरी सुधार के बाद उन्हें जारी रखेंगे। तमाम मिशनों और परियोजनाओं के लिए हमने पहले से ही हर जगह आवश्यक बुनियादी ढांचे और मैकेनिज्म तैयार किए हैं। सभी अंशधारकों से बात कर उन्हें आगे बढ़ाएंगे। यहीं आवश्यक है। बाकी कोई मुद्दा नहीं है।