रॉकेट निर्माण पर लगा विराम, वेंटिलेटर व मास्क पर जोर
बैंगलोरPublished: Apr 01, 2020 05:44:59 pm
कोरोना के खिलाफ जंग में शामिल हुआ इसरो केंद्र वीएसएससी
बेंगलूरु.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) फिलहाल रॉकेटों के निर्माण और अपने नियमित रुटीन कार्यों के बजाय देश की जरूरत के मुताबिक कोरोना वायरस से लडऩे में अपनी ताकत लगा रहा है। आपात जरूरतों के मुताबिक यह केंद्र वेंटिलेटर की डिजाइन तैयार करने से लेकर मास्क और हैंड सेनिटाइजर का उत्पादन भी कर रहा है।
वीएसएससी के निदेशक एस.सोमनाथ ने कहा कि ‘हम ऐसा वेंटिलेटर तैयार रहे हैं जो बिल्कुल अलग है। फिलहाल जिस तरह के वेंटिलेटर उपलब्ध है उससे हमारा वेंटिलेटर भिन्न है। यह बेहद सरल तरीके से संचालित हो सकता है और अगर बिजली कट गई तो भी यह संचालित होगा।’ उन्होंने कहा कि वीएसएससी का काम केवल इस वेंटिलेटर की डिजाइन तैयार करना है और उत्पादन की जिम्मेदारी उद्योग जगत की होगी।
रॉकेट विज्ञानी ने बताया कि केंद्र में अपनी जरूरतों के लिए सैनिटाइजर और मास्क भी तैयार हो रहे हैं जिसका उपयोग दूसरे भी कर रहे हैं। अभी तक एक हजार लीटर सैनिटाइजर तैयार हो चुका है। उसी तरह कर्मचारी मास्क भी बना रहे हैं। इस बीच कर्मचारियों से कहा गया है कि वे घर से ही काम करें। वीएसएससी की कंप्यूटर और संचार प्रणालियां पूरे प्रभावी तरीके से सुरक्षित माहौल में काम कर रही हैं। संचार और कंप्यूटर नेटवर्क बिल्कुल सुरक्षित हैं। कुछ अहम ऑपरेशंस के लिए आवश्यक कर्मचारी तैनात किए गए हैं जबकि जो घर से काम कर सकते हैं उन्हें पूरी छूट दी गई है। जब कभी भी जरूरत पड़ती है वीडियो कांफ्रेंसिंग हो जाती है। फिलहाल रॉकेटों का निर्माण स्थगित है।
गौरतलब है कि इससे पहले इसरो ने जीआइसैट-1 का प्रक्षेपण पिछले 4 मार्च को स्थगित कर दिया था। जीआइसैट-1 का प्रक्षेपण जीएसएलवी एफ-10 से 5 मार्च को किया जाना था लेकिन उलटी गिनती से ठीक पहले तकनीकी कारणों से प्रक्षेपण टाल दिया गया।