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इसरो का पूरा ध्यान अब चंद्रयान-2 पर

locationबैंगलोरPublished: Jun 15, 2018 04:57:42 am

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का पूरा ध्यान देश के दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-2 पर है।

ISRO

इसरो का पूरा ध्यान अब चंद्रयान-2 पर

बेंगलूरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का पूरा ध्यान देश के दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-2 पर है। इसरो वैज्ञानिक इस महात्वाकांक्षी मिशन की तैयारियों में जुटे हैं जिसे अक्टूबर महीने में लांच करने की योजना है।

इसरो अधिकारियों के मुताबिक चंद्रयान-2 परियोजना की समीक्षा एकदम शुरुआती स्तर से हो रही है। एक-एक उपकरणों, प्रणालियों एवं उप-प्रणालियों पर गौर किया जा रहा है। यहां तक की चंद्रयान-2 के साथ भेजे जाने वाले पे-लोड के बारे में भी फिर से विचार किया जा रहा है कि क्या वह उचित होगा या नहीं। इस मिशन के तहत आर्बिटर, लैंडर और रोवर भेजने की योजना है।


अक्टूबर या नवम्बर महीने में मिशन लांच होगा। जीएसएलवी एफ-08 रॉकेट उसे धरती की 170 गुणा 2000 किमी वाली अंडाकार कक्षा में छोड़ देगा। इसके बाद उसे मैनुवर के जरिए चांद की 100 किमी गुणा 100 किमी वाली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। चांद की कक्षा में उपग्रह के स्थापित होने के बाद लैंडर आर्बिटर से निकलकर चांद की धरती पर उतरेगा। लैंडर के चांद की धरती पर उतरने के बाद रोवर उससे बाहर निकलेगा और चांद की धरती पर चहलकदमी करते हुए आंकड़े भेजेगा।


सूत्रों के मुताबिक अब मिशन की एकदम शून्य से शुरू हुई समीक्षा के बाद मिशन के हर एक पहलू पर फिर से विचार किया जा रहा है। किसी भी अन्य परियोजना से अधिक समय चंद्रयान-2 को दिया जा रहा है।


हालांकि, इसरो ने अगले महीने जीएसएलवी मार्क-3 के दूसरे प्रक्षेपण की योजना बनाई है जिससे जीसैट-29 उपग्रह छोड़ा जाएगा। वहीं जीसैट-11 उपग्रह जिसे फ्रेंच गुयाना स्थित कौरू प्रक्षेपण स्थल से वापस परीक्षणों के लिए लाया गया था वह भी प्रो.यूआर राव उपग्रह केंद्र में रखा गया है।


उपग्रह के तमाम परीक्षण पूरे हो चुक हैं लेकिन एरिएन स्पेस के रॉकेट से प्रक्षेपण के लिए यूरोपीय एजेंसी के साथ नई लांच तारीख तय करनी होगी। फिलहाल इसमें कोई प्रगति नहीं नजर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक हो सकता है कि इसरो फिर एक बार चंद्रयान-2 के सभी उपकरणों का परीक्षण करे।

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