scriptसैनिकों को सेहतमंद रखेगा इसरो | Isro to provide healing touch to soldiers via tele medicine | Patrika News

सैनिकों को सेहतमंद रखेगा इसरो

locationबैंगलोरPublished: Aug 28, 2018 01:03:37 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

टेलीमेडिसिन के जरिए दुर्गम अग्रिम चौकियों तक पहुंचाई जाएंगी सुपरस्पेशलिटी अस्पतालों की सुविधाएंसंचार उपग्रह इनसैट-3 ए और जीसैट-12 रहेंगे तैनात

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सैनिकों को सेहतमंद रखेगा इसरो

बेंगलूरु. दुर्गम सीमावर्ती इलाकों में देश के दुश्मनों के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण प्राकृतिक परिस्थितियों का सामना कर रहे रक्षा बलों की सेहत का ख्याल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) करेगा। रक्षा बलों को उत्तम चिकित्सकीय सहायता पहुंचाने के लिए सुदूर सीमावर्ती इलाकों में 53 नए टेलीमेडिसिन केंद्र खोले जाएंगे जिसके जरिए सैनिकों को देश के अत्याधुनिक सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की सेवाएं मिलने लगेगी। टेलीमेडिसिन सेवाओं के लिए इसरो के दो उपग्रहों इनसैट-3 ए और जीसैट-12 के बैंडविथ काम आएंगे।
इन केंद्रों की स्थापना के लिए इसरो की विकास एवं शैक्षणिक संचार इकाई (डेकू), भारतीय अंतरिक्ष विभाग और रक्षा मंत्रालय के एकीकृत रक्षा स्टाफ (मेडिकल) के बीच एक त्रिपक्षीय करार हुआ। करार के मुताबिक पहले चरण के तहत इसरो विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों में 53 नए टेलीमेडिसिन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। ये केंद्र देशभर में सेना, नौसेना और वायुसेना के विभिन्न ठिकानों पर खोले जाएंगे। इसरो ने पहले से ही 20 ऐसे केंद्रों की स्थापना की है और 53 नए केंद्रों की स्थापना के साथ देशभर के 73 सैन्य प्रतिष्ठान टेलीमेडिसिन सेवाओं से जुड़ जाएंगे। सेना के अधिकारियों के मुताबिक इसरो और सैन्य चिकित्सा सेवा के संयुक्त प्रयास से सैनिकों को मिलने वाली चिकित्सा सुविधाओं में मूल-भूत परिवर्तन आएगा। सेना, नौसेना या वायुसेना के जवान जो युद्ध जैसी परिस्थितियों में बिल्कुल अलग-थलग पोस्ट पर तैनात हैं उन्हें उत्तम चिकित्सकीय सुविधाएं मिलने लगेंगी। विशेष रूप से ये केंद्र सियाचिन ग्लेशियर में तैनात सैनिकों के लिए काफी उपयोगी होंगे जहां सामान्य आरोग्य एवं देखभाल सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं।
दरअसल, इसरो पिछले कई वर्षों से टेलीमेडिसिन सेवाओं को मजबूत बनाने का प्रयास कर रहा है। इस परियोजना के तहत कई अस्पतालों के साथ संचार स्थापित किया गया है ताकि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता के साथ-साथ रक्षा बलों को अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं पहुंचाई जा सके। वर्ष 2001 में शुरू हुआ इसरो का टेलीमेडिसिन कार्यक्रम सुदूर ग्रामीण इलाकों, चिकित्सा कॉलेजों एवं अस्पतालों के साथ-साथ मोबाइल यूनिट को शहरी अस्पतालों और स्पेशलिटी अस्पतालों से जोडऩे में कायमाबी हासिल की है। इसरो के टेलीमेडिसिन नेटवर्क में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, उत्तर पूर्व को भी जोड़ा गया है। वहीं केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, पंजाब, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, और राजस्थान के जनजातीय क्षेत्र भी जुड़े हैं। इसरो की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार टेलीमेडिसिन नेटवर्क से 384 अस्पतालों और 60 स्पेशलिटी अस्पातालों को 306 सुदूर ग्रामीण, जिला या मेडिकल कॉलेजों से जोड़ा जा चुका है वहीं यह 18 मोबाइल यूनिटों से भी जुड़ा है। इससे नेत्र रोग, ह्रदय रोग, रेडियोलॉजी, मधुमेह या सामान्य चिकित्सा से लेकर महिला एवं बाल स्वास्थ्य देखभाल में काफी मदद मिल रही है। इसरो अपने दो उपग्रहों इनसैट-3ए और जीसैट-12 के जरिए यह सेवाएं प्रदान कर रहा है।
टेलीमेडिसिन सेवाओं के लिए इसरो सिस्टम सॉफ्टवेयर के अलावा हार्डवेयर, संचार उपकरण और सैटेलाइट बैंडविथ उपलब्ध कराता है वहीं राज्य सरकारें और स्पेशलिटी अस्पताल फंड, बुनियादी सुविधाएं, मानव शक्ति और अन्य सहयोग पहुंचाते हैं। अहमदाबाद स्थित इसरो की विकास एवं शैक्षणिक संचार इकाई (डेकू) में टेलीमेडिसिन निगरानी केंद्र की स्थापना की गई है जो उपयोगकर्ताओं के लिए नए तकनीकों का परीक्षण एवं उनकी किन्हीं शिकायतों को दूर करता है।

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