scriptराकेश शर्मा के बाद महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ जाएगी अंतरिक्ष मेंं | ISRO to Send Female Humanoid in Unmanned Gaganyaan | Patrika News

राकेश शर्मा के बाद महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ जाएगी अंतरिक्ष मेंं

locationबैंगलोरPublished: Jan 22, 2020 06:32:30 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

इसरो ने पहली बार पेश किया दुनिया के सामने, साल अंत तक विभिन्न प्रयोगों के लिए अंतरिक्ष में भेजे जाने की उम्मीद

राकेश शर्मा के बाद महिला रोबोट 'व्योममित्र' जाएगी अंतरिक्ष मेंं

राकेश शर्मा के बाद महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ जाएगी अंतरिक्ष मेंं

बेंगलूरु.

देश के महात्वाकांक्षी मानव मिशन ‘गगनयान’ में भले ही कोई महिला अंतरिक्ष यात्री नहीं जाएगी लेकिन इस स्वदेशी मिशन की शुरुआत एक महिला रोबोट के अंतरिक्ष में कदम रखने के साथ होगी। वर्ष 1984 में देश के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में कदम रखा था और अब भारत की धरती से ‘व्योममित्र’ नामक महिला रोबोट (ह्यूमनॉयड) को भेजने की तैयारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने की है।
यहां बुधवार को गगनयान पर आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी के पहले दिन इसरो ने इस महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ के प्रोटोटाइप को पहली बार दुनिया के सामने पेश किया। यह महिला रोबोट इसी साल के अंत तक गगनयान में सवार होकर अंतरिक्ष यात्रा पर जाएगी। इसरो के वैज्ञानिक सैम दयाल ने बताया कि इस रोबोट के जरिए अंतरिक्ष में मानव शरीर के क्रियाकलापों का अध्ययन किया जाएगा। यह हाफ ह्यूमनॉयड रोबोट अंतरिक्ष से तमाम रिपोर्ट हमारे पास भेजेगा। यह प्रायोगिक मिशन है। मानव मिशन से पहले दूसरे देश अंतरिक्ष में जानवर भेजते रहे हैं। इसरो ने उसकी जगह महिला रोबोट भेजने का निर्णय किया है।
अंतरिक्षयात्रियों को पहचान सकती है व्योममित्र

व्योमममित्र बातचीत कर सकती है और लोगों के सवालों का जवाब दे सकती है। इस रोबोट को इसरो ने विकसित किया है। परिचय पूछने पर व्योममित्र ने यह कहकर लोगों का अभिवादन किया, ‘हाय, मैं हाफ ह्यूमनॉयड (इंसानी) का पहला प्रोटोटाइप हूं।Ó इसके साथ ही व्योममित्र अपनी ओर से किए जाने वाले प्रयोगों के बारे में संक्षिप्त जानकारी देती है और यह भी बताती है कि वह अंतरिक्षयात्रियों को पहचान सकती है व उनसे बात भी कर सकती है। दयाल ने कहा कि इस रोबोट को हाफ ह्यूमनॉयड इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसके पैर नहीं हैं। यह रोबोट केवल आगे और साइड में झुक सकता है। यह अंतरिक्ष में कई परीक्षण करेगा इसरो के कमांड सेंटर से निरंतर संपर्क में रहेगा।
मानव मिशन के लिए बेहद अहम: शिवन

इसरो अध्यक्ष के शिवन ने बताया कि यह रोबोट अंतरिक्ष की कठिन परिस्थितियों में जीने के लिए आवश्यक लाइफ सपोर्ट सिस्टम की जानकारी देगा। जो प्रणाली इसरो ने तैयार की है वह ठीक है या नहीं इसकी भी जांच इसके जरिए हो जाएगी। यह अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने से पहले बेहद महत्वपूर्ण है। मिशन के लिए चार अंतरिक्षयात्रियों का चयन अंतिम रूप से हो चुका है और रूस में 11 महीने का उनका प्रशिक्षण शुरू होने वाला है। इसरो दिसम्बर 2020 और जून 2021 में दो प्रायोगिक (मानव रहित) मिशन भेजकर तमाम परीक्षण पूरे करेगा।

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