दो ब्रिटिश उपग्रहों के साथ रात में उड़ान भरेगा पीएसएलवी
बैंगलोरPublished: Sep 10, 2018 08:10:56 pm
पीएसएलवी सी-42 उड़ान भरने को तैयार, 16 सितम्बर रात 10.07 बजे श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण, छह महीने बाद इसरो फिर लांच पैड पर
दो ब्रिटिश उपग्रहों के साथ रात में उड़ान भरेगा पीएसएलवी
बेंगलूरु. छह महीने के लंबे इंतजार के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आगामी 16 सितम्बर को अपने विश्वसनीय धु्रवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी सी-42) से दो ब्रिटिश उपग्रहों को लांच करेगा। इसरो की यह पूर्ण वाणिज्यिक उड़ान होगी और इसमें कोई भी भारतीय उपग्रह नहीं भेजा जाएगा।
इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक पीएसएलवी सी-42 आगामी 16 सितम्बर को भारतीय समयानुसार रात 10.07 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरेगा। इसके लिए श्रीहरिकोटा में प्रक्षेपण की तैयारियां अंतिम दौर में है। अपनी इस उड़ान में पीएसएलवी दो ब्रिटिश उपग्रह नोवासार-1 और एस1-4 को धरती की कक्षा में स्थापित करेगा। इन उपग्रहों का निर्माण ब्रिटिश कंपनी सर्रे सैटेलाइट टेक्नोलॉजी लिमिटेड (एसएसटीएल) ने किया है और इसरो की वाणिज्यिक इकाई अंतरिक्ष लिमिटेड से इसके प्रक्षेपण का करार हुआ था। नोवासार-1 एक तकनीकी प्रदर्शन उपग्रह मिशन है। इस उपग्रह में कम लागत वाला एस-बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार भेजा जा रहा है, जिसे आजमाया जाएगा। इसे धरती से 58 0 किमी ऊपर सूर्य समकालिक कक्षा (एसएसओ) में स्थापित किया जाएगा। वहीं एसएसटीएल एस 1-4 एक भू-अवलोकन उपग्रह है जो एक मीटर से भी छोटी वस्तु को अंतरिक्ष से देख सकता है। इसका वजन 440 किलोग्राम है और यह उपग्रह एसएसटीएल की अंतरिक्ष से भू-अवलोकन क्षमता बढ़ाएगा।
इससे पहले इसरो ने एक पूर्ण वाणिज्यिक उड़ान के तहत 10 जुलाई 2015 को पीएसएलवी सी-28 से पांच ब्रिटिश उपग्रहों का एक साथ प्रक्षेपण किया था। उसके बाद यह पहली पूर्ण वाणिज्यिक उड़ान है जिसमें दो ब्रिटिश उपग्रहों को छोड़ा जा रहा है।
दरअसल, इसरो ने पिछले छह महीने से एक भी मिशन लांच नहीं किया है। इस साल आखिरी बार पीएसएलवी सी-41 से नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस-1आई का प्रक्षेपण 12 अप्रेल को किया गया था। हालांकि, उसके बाद जीसैट-11 का एक प्रक्षेपण प्रस्तावित था लेकिन अब वह मिशन नवम्बर में लांच किया जाएगा। अक्टूबर महीने में बहुप्रतीक्षित जीएसएलवी मार्क-3 डी-2 से जीसैट-29 उपग्रह लांच किया जाएगा।