कार्टोसैट-3 एक उन्नत और बेहद फुर्तीला उपग्रह है जो पैंक्रोमेटिक एवं मल्टीस्पेक्ट्रल तस्वीरें लेने में सक्षमत है। इस उपग्रह के पे-लोड धरती की 0.25 मीटर छोटी सी छोटी वस्तु की तीक्ष्ण तस्वीरें उतारने में सक्षम हैं। ये पे-लोड एक बार में 16 किमी लंबा क्षेत्र कवर करते हुए एक मीटर के रिजोल्यूशन की तस्वीरें भेजेंगे। इसरो ने कहा है कि कार्टोसैट-3 में कई उन्नत तकनीकों का पहली बार उपयोग किया जा रहा है। इस उपग्रह की संरचना ऐसे प्लेटफार्म पर की गई है कि इसे बेहद फुर्तीला उपग्रह माना जा रहा है। यह उपग्रह अत्यंत उच्च दर से डाटा संग्रहित कर उसे संचारित करने में सक्षम है। उपग्रह के कंप्यूटर, पावर सिस्टम और एंटीना में भी अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया गया है। उपग्रह धरती से 509 किमी ऊपर सूर्य समकालिक कक्षा (एसएसओ) में 97.5 डिग्री के कोण पर झुका रहेगा और पांच साल तक देश को अपनी सेवाएं प्रदान करेगा। कार्टोसैट-3 की तस्वीरों का उपयोग शहरी नियोजन, ग्रामीण संसाधनों के संवर्धन, बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय और जमीनी क्षेत्रों की निगरानी के साथ-साथ सामरिक और रक्षा उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। इसरो ने कहा है कि उसका काम तस्वीरें प्रदान करना है, उपयोग एजेंसियों के ऊपर निर्भर है।