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बड़ी कामयाबी, इसरो ने कार्टोसैट-3 सहित 14 उपग्रहों का किया सफल प्रक्षेपण

locationबैंगलोरPublished: Nov 27, 2019 10:02:10 am

Submitted by:

Rajeev Mishra

13 अमरीकी उपग्रहों को भी धरती की कक्षा में स्थापित किया गया

बड़ी कामयाबी, इसरो ने कार्टोसैट-3 सहित 14 उपग्रहों का किया सफल प्रक्षेपण

बड़ी कामयाबी, इसरो ने कार्टोसैट-3 सहित 14 उपग्रहों का किया सफल प्रक्षेपण

बेंगलूरु.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए कार्टोसैट-3 उपग्रह को पृथ्वी की सूर्य समकालिक कक्षा में सफलता पूर्वक स्थापित कर दिया। इसके साथ ही 13 अमरीकी उपग्रहों को भी धरती की कक्षा में स्थापित किया गया।
श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से बुधवार सुबह ठीक 9.28 बजे पीएसएलवी सी-47 ने सटीक उड़ान भरी और एक-एक कर सभी उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया। यह 26 मिनट 50 सेकेंड का मिशन था। कार्टोसैट-3 के कक्षा में स्थापित होते ही सौर पैनल तैनात हो गए और इसरो के जमीनी केंद्रों से उसका संपर्क स्थापित हो गया। प्रक्षेपण के समय श्रीहरिकोटा के आसमान में बादल छाए हुए थे मगर मौसम प्रक्षेपण मानदंडों के अनुकूल था और हवाओं की गति भी सामान्य थी।
कार्टोसैट-3 एक उन्नत और बेहद फुर्तीला उपग्रह है जो पैंक्रोमेटिक एवं मल्टीस्पेक्ट्रल तस्वीरें लेने में सक्षमत है। इस उपग्रह के पे-लोड धरती की 0.25 मीटर छोटी सी छोटी वस्तु की तीक्ष्ण तस्वीरें उतारने में सक्षम हैं। ये पे-लोड एक बार में 16 किमी लंबा क्षेत्र कवर करते हुए एक मीटर के रिजोल्यूशन की तस्वीरें भेजेंगे। इसरो ने कहा है कि कार्टोसैट-3 में कई उन्नत तकनीकों का पहली बार उपयोग किया जा रहा है। इस उपग्रह की संरचना ऐसे प्लेटफार्म पर की गई है कि इसे बेहद फुर्तीला उपग्रह माना जा रहा है। यह उपग्रह अत्यंत उच्च दर से डाटा संग्रहित कर उसे संचारित करने में सक्षम है। उपग्रह के कंप्यूटर, पावर सिस्टम और एंटीना में भी अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया गया है। उपग्रह धरती से 509 किमी ऊपर सूर्य समकालिक कक्षा (एसएसओ) में 97.5 डिग्री के कोण पर झुका रहेगा और पांच साल तक देश को अपनी सेवाएं प्रदान करेगा। कार्टोसैट-3 की तस्वीरों का उपयोग शहरी नियोजन, ग्रामीण संसाधनों के संवर्धन, बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय और जमीनी क्षेत्रों की निगरानी के साथ-साथ सामरिक और रक्षा उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। इसरो ने कहा है कि उसका काम तस्वीरें प्रदान करना है, उपयोग एजेंसियों के ऊपर निर्भर है।
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