कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि इस बार पार्टी को जीत की बड़ी उम्मीद है, क्योंकि जनता में अंगड़ी का विरोध हो रहा है। जिला प्रभारी मंत्री सतीश जारकीहोली का दावा है कि इस बार कांग्रेस को सफलता मिलेगी। उनका कहना है कि अंगड़ी इस सीट से तीन बार अलग अलग कारणों से जीते हैं और यह उनका अपना कोई करिश्मा नहीं है। पहली बार वे अटल बिहारी वाजपेयी की लहर, दूसरी बार येड्डियूरप्पा के कारण व तीसरी बार पिछले चुनाव में मोदी की लहर के कारण जीत गए, लेकिन इस बार मतदाता उनसे बिल्कुल प्रभावित नहीं हैं।
कर्नाटक में भाजपा के पैर जमाने से पहले बेलगावी सीट कांग्रेस का मजबूत गढ़ रही थी। 1957 व 1962 के चुनावों में कांग्रेस के बीएन दातार, 1963 में हुए उपचुनाव में बीएस कौजालगी, 1967 में बीएन नबीसाब, 1971 व 1977 में एके कोट्राशेट्टी, 1980, 1984, 1989 तथा 1991 में इस सीट से कांग्रेस के एसबी सिद्नाल लगातार चार बार चुनाव जीते थे। 1996 में यहां से जनतादल के शिवानंद कौजालगी चुनाव जीते, जबकि 1998 में किसान नेता बाबागौड़ा पाटिल पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते। 1999 में एक बार फिर से कांग्रेस के अमर सिम्हा पाटिल यहां से चुनाव जीते। 2004 से तीन बार सुरेश अंगड़ी सांसद निर्वाचित हुए।
सुरेश अंगड़ी का दावा है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अच्छा काम किया है और अनेक विकास कार्य करवाए हैं, जिसमें बेलगावी के सांब्रा हवाई अड्डे का विस्तार भी शामिल हैं। बेलगावी शहर में अनेक रेलवे ब्रिज बनवाए, स्टेशनों का उन्नयन करवाया। बेलगावी का नाम स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल हुआ। विदेश व्यापार केंद्र के महानिदेशक के कार्यलय की स्थापना करवाई।