scriptलगता है आपने कैग की रिपोर्ट नहीं पढ़ी | It seems you have not read CAG report | Patrika News

लगता है आपने कैग की रिपोर्ट नहीं पढ़ी

locationबैंगलोरPublished: Oct 19, 2019 08:30:01 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

न्यायालय ने 25 सितंबर के आदेश में कैग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए प्रदेश के जिला अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित अन्य स्वास्थ्य निकायों में रिक्त चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों सहित पैरामेडिकल कर्मचारियों के पदों को लेकर नाराजगी जताई थी।

लगता है आपने कैग की रिपोर्ट नहीं पढ़ी

लगता है आपने कैग की रिपोर्ट नहीं पढ़ी

– नाराज उच्च न्यायालय ने प्रधान सचिव को लगाई फटकार

– बड़ी संख्या में रिक्त पदों का मामला

बेंगलूरु.

उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (State Health And Family Welfare Department) के प्रधान सचिव जावेद अख्तर (Jawaid Akhtar) को भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पढऩे के निर्देश दिए हैं जिमसें चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों सहित पैरामेडिकल कर्मचारियों की बड़ी संख्या में रिक्त पदों का उल्लेख है। उच्च न्यायालय ने बाल स्वास्थ्य सेवा संबंधित रिपोर्ट का भी जिक्र किया है। कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (Karnataka State Legal Services Authority) की ओर से दाखिल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) अभय श्रीनिवास ओका और जस्टिस एसआर कृष्ण कुमार की खंड पीठ ने कहा कि अख्तर द्वारा प्रस्तुत विवरण देख कर लगता है कि उन्होंने कैग (CAG) की रिपोर्ट नहीं पढ़ी है।

न्यायालय ने 25 सितंबर के आदेश में कैग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए प्रदेश के जिला अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित अन्य स्वास्थ्य निकायों में रिक्त चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों सहित पैरामेडिकल कर्मचारियों के पदों को लेकर नाराजगी जताई थी। प्रधान सचिव जावेद अख्तर को तलब का जवाब मांगा था। लेकिन अख्तर के जवाब में स्त्री और बाल रोग विशेषज्ञों सहित अन्य चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरने के विषय में उल्लेख नहीं था। न्यायालय ने कहा कि जवाब में पैरामेडिकल कर्मचारियों के कुछ वर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति दो महीने में करने की बात का कोई मतलब नहीं हैं क्योंकि मौजूदा नियमानुसार कर्नाटक राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही रिक्त पदों पर नियुक्ति हो सकती है।

सरकार सीधे नियुक्तियां कर सके इसके लिए नियम में बदलाव की जरूरत है और मंत्रिमंडल ने अब तक इसकी मंजूरी नहीं दी है। मामले पर अब अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी। न्यायालय ने अख्तर को जवाब देने को कहा है ताकि न्यायालय कैग रिपोर्ट में उल्लेखित रिक्त पदों को भरने के लिए एक बाहरी सीमा तय करने पर विचार कर सके। विधिक सेवा प्राधिकरण ने याचिका में अपील की थी कि कोर्ट स्वास्थ्य विभाग को प्रदेश में मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए स्वास्थ्य योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दे। स्त्री रोग विशेषज्ञों और बाल रोग विशेषज्ञों के रिक्त पदों को भरे।

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