scriptस्पीकर की जांच के नए तरीके से जाधव संतुष्ट | Jadhav is satisfied in new ways to check speaker | Patrika News

स्पीकर की जांच के नए तरीके से जाधव संतुष्ट

locationबैंगलोरPublished: Mar 27, 2019 01:40:41 am

कांग्रेस विधायक डॉ. उमेश जाधव ने चिंचोली विधानसभा क्षेत्र से उनके इस्तीफा देने के प्रकरण की नए तरीके से जांच करने के विधानसभा अध्यक्ष के तरीके पर संतोष व्यक्त किया है।

स्पीकर की जांच के नए तरीके से जाधव संतुष्ट

स्पीकर की जांच के नए तरीके से जाधव संतुष्ट

बेंगलूरु. कांग्रेस विधायक डॉ. उमेश जाधव ने चिंचोली विधानसभा क्षेत्र से उनके इस्तीफा देने के प्रकरण की नए तरीके से जांच करने के विधानसभा अध्यक्ष के तरीके पर संतोष व्यक्त किया है। जाधव को स्पीकर के फैसले का इंतजार है।

उन्होंने कहा कि रमेश कुमार पर उनको यकीन है और वे बहुत जल्द ही सकारात्मक फैसला सुनाएंगे। जाधव ने मंगलवार को कलबुर्गी में कहा कि रमेश कुमार की ओर से लोक अदालत में की जा रही सुनवाई से उनके वास्तविक प्रयासों की झलक मिलती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव लडऩे के संबंध में असमंजस दूर हो गया है और वे कार्यकर्ताओं के साथ विमर्श करके नामांकन पत्र भरने की तारीख तय करेंगे।


जाधव ने दावा किया सांसद मल्लिकार्जुन खरगे व उनके पुत्र प्रियांक खरगे के खिलाफ जिले के कांग्रेस नेताओं में आक्रोश है। इसी वजह से वे भाजपा में शामिल हुए हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने रमेश कुमार ने सोमवार को बेंगलूरु में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जाधव के इस्तीफा प्रकरण पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।


कांग्रेस ने जाधव पर व्हिप का उल्लंघन करने और कथित रूप से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगाकर उनको सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग की है।

खनन उद्योग में बदहाली को लेकर मजदूरों का प्रदर्शन
बेंगलूरु. बल्लारी और चित्रदुर्ग जिलों के साथ-साथ आसपास के खनन इलाकों में खनन पर निर्भर करने वाले करीब 6,000 लोगों ने मंगलवार को यहां कर्नाटक में खनन उद्योग की बदहाली को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।


प्रदर्शनकारियों ने सरकार से उनकी आजीविका की रक्षा करने की अपील की। कर्नाटक गनी अवलंबितहरा वेदिके (केजीएवी) के सदस्यों ने बेंगलूरु के फ्रीडम पार्क में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खनन पर प्रतिबंध से भारी पैमान पर लोग बेरोजगार हुए हैं। केजीएवी प्रवक्ता राजकुमार एस. ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खनन कार्य शुरू करने की अनुमति देने के बाद भी आजीविका को लेकर भारी अनिश्चितता बनी हुई है, क्योंकि उत्पादन की सीमा, ई-नीलामी और अन्य कई प्रतिबंधों के कारण खनन क्षमता घट गई, जिससे लौह-अयस्क उद्योग में स्थिरता आ गई है।


उन्होंने कहा कि सिर्फ कर्नाटक के खनन क्षेत्र में भेदभाव की नीतियां होने के कारण लाखों लोगों की आजीविका को लेकर अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है। दुनियाभर में ऐसा कहीं नहीं है। हम सरकार से मुक्त व्यापार की अनुमति और आयात की जगह घरेलू लौह अयस्क को वरीयता देकर हमारी आजीविका सुनिश्चित करने की अपील करते हैं।

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