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उपचुनाव सभी 15 क्षेत्रों में प्रत्याशी उतारेगा जनता दल-एस

locationबैंगलोरPublished: Oct 22, 2019 07:14:24 pm

Submitted by:

Sanjay Kulkarni

दिसम्बर माह में प्रस्तावित 15 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए जनता दल-एस किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ समझौता नहीं करते हुए सभी सीटों पर चुनाव लडेगा

उपचुनाव सभी 15 क्षेत्रों में प्रत्याशी उतारेगा जनता दल (एस)

उपचुनाव सभी 15 क्षेत्रों में प्रत्याशी उतारेगा जनता दल (एस)

हासन. राज्य के 15 विधानसभा क्षेत्रों के लिए दिसम्बर माह में प्रस्तावित 15 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए जनता दल किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ समझौता नहीं करते हुए सभी सीटों पर चुनाव लडेगा। पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने यह बात कही।
यहां मंगलवार को उन्होंने कहा कि मीडिया में जनता दल केवल मण्ड्या मैसूरु तथा हासन जिलों तक ही सिमित होने का प्रचार किया जा रहा है। लेकिन वास्तवता यह है कि राज्य के सभी जिलों में पार्टी का संगठन मजबूत है। पार्टी को अपने समर्पित कार्यकर्ताओं के बलबूते पर खडी है।ऐसे में कुछ नेताओं की नाराजगी का पार्टी के संगठन पर कोई असर नहीं होगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब लोकसभा में अनुच्छेद 370 पर बहस चल रही थी तब वहां पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौडा की अनुपस्थिति सभी को खल रही थी। ऐसे महत्वपूर्ण फैसले के दौरान एचडी देवेगौडा का राजनीतिक तजुर्बा आवश्यक था लेकिन हाल में संपन्न आम चुनाव के दौरान देवेगौडा की हार के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका है।
पार्टी में बसवराज होरट्टी तथा अन्य विधान परिषद सदस्यों की बगावत को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसी नाराजगी तथा बगावत केवल मीडिया के दिमाग की उपज है।पार्टी के नेताओं के बीच नियमित अंतराल पर संवाद के माध्यम से ऐसी समस्याओं का समाधान किया जाता है। ऐसे मामलों की चर्चा मीडिया में करना आवश्यक नहीं है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भाजपा आलाकमान की कठपुतली बनकर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री बीएस यडियूरप्पा अब पहले जैसे प्रभावी नहीं रहें है।भाजपा आलाकमान के हस्तक्षेप के कारण मुख्यमंत्री कोई भी फैसला लेने में स्वतंत्र नहीं होने के कारण राज्य के विकास प्रभावित हो रहा है। उत्तर कर्नाटक में फिर बारिश ने कहर बरपाया है। ऐसे में राज्य सरकार को इस क्षेत्र में राहत कार्यों के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। यहां पर राहत तथा पुनर्वास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से अब अधिक सहायता की अपेक्षा करना व्यर्थ है।केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना राज्य के किसानों के साथ न्याय करने में विफल रही है।

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