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कांग्रेस ने एक दशक बाद भाजपा से छीनी जयनगर सीट,सौम्या जीती

locationबैंगलोरPublished: Jun 14, 2018 09:43:08 pm

सत्तारुढ़ गठबंधन में साझीदार कांग्रेस ने राजधानी बेंगलूरु की जयनगर विधानसभा सीट एक दशक बाद विपक्षी भाजपा से छीन ली।

कांग्रेस ने एक दशक बाद भाजपा से छीनी जयनगर सीट,सौम्या जीती

कांग्रेस ने एक दशक बाद भाजपा से छीनी जयनगर सीट,सौम्या जीती

बेंगलूरु. सत्तारुढ़ गठबंधन में साझीदार कांग्रेस ने राजधानी बेंगलूरु की जयनगर विधानसभा सीट एक दशक बाद विपक्षी भाजपा से छीन ली। पूर्व गृह मंत्री आर रामलिंगा रेड्डी की बेटी व कांग्र्रेस उम्मीदवार सौम्या रेड्डी (३५) ने भाजपा के बी एन प्रह्लाद (५७) को २८०० से अधिक मतों के अंतर से हराया। इसके साथ ही विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या बढक़र ७९ हो गई।


जयनगर क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार व तत्कालीन विधायक बी एन विजय कुमार का ४ मई को निधन हो गया था जिसके कारण १२ मई को यहां बाकी २२२ सीटों के साथ मतदान नहीं कराया गया था। बाद में भाजपा ने विजय कुमार के भाई प्रह्लाद को उम्मीदवार बनाया था। ११ जून को हुए चुनाव में १ लाख ११ हजार ५८० मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। सौम्या को ५४ हजार ४५७ मत मिले जबकि प्रह्लाद को ५१ हजार ५६८ मत ही मिले। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार रवि कृष्णा रेड्डी को केवल 18 61 वोट ही मिले। जद-एस के कालेगौड़ा को ८१७ और नोटा केा ८४८ मत मिले। सौम्या २८८९ मतों से प्रह्लाद को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंची हैं।


राज्य मेें गठबंधन सरकार बनने के बाद यह दूसरा चुनाव है और पहली बार गठबंधन के दोनों घटक भाजपा को हराने के लिए एक साथ आए। मतदान से पहले ही ५ जून को जद-एस ने अपने उम्मीदवार काले गौड़ा को हटाने की घोषणा कर दी थी। हालांकि, २८ मई को राजराजेश्वरी नगर विधानसभा क्षेत्र में हुए चुनाव में जद-एस ने कांग्रेस के समर्थन में उम्मीदवार नहीं हटाया था। राजराजेश्वरी नगर सीट पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहा था और जद-एस को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था।


सीधी और कांटे की टक्कर
जद-एस के उम्मीदवार हटाने के बाद इस क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी और कांटे की टक्कर थी। भाजपा ने प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं को प्रचार के लिए मैदान में उतारा था जबकि रामलिंगा अकेले ही बेटी के लिए प्रचार करते रहे।


विस की आठवीं महिला सदस्य
सौम्या १५वीं विधानसभा की आठवीं महिला सदस्य हैं। १२ मई को हुए चुनाव में ७ महिलाएं चुनाव जीती थीं। इनमें कांग्रेस पांच कांग्रेस और ३ भाजपा की हैं।


शहर से अब तक की ७ वीं महिला विधायक
सौम्या बेंगलूरु शहर से पिछले ६७ सालों में चुनी गईं सातवीं महिला विधायक हैं। पिछले एक दशक में बेंगलूरु शहरी क्षेत्र से विधानसभा पहुंचने वाली सौम्या दूसरी महिला हैं। इससे पहले २००८ में भाजपा की शोभा करंदलाजे २००८ में शहर की यशवंतपुर सीट से चुनाव जीती थी।


अपने घर पर आतिशबाजी और जश्न में डूबे समर्थकों की नारेबाजी के बीच सौम्या ने कहा कि यह सिर्फ मेरी जीत नहीं है। यह पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और मेरी पिता के दिशा-निर्देशन की सामूहिक जीत है। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की सदस्स रह चुकी सौम्या न सिर्फ बेंगलूरु की अकेली महिला विधायक हैं बल्कि राज्य विधानसभा के लिए पहली बार चुने गए सदस्यों में भी सबसे युवा हैं। सौम्या न्यूयार्क इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पर्यावरण तकनीक में स्नातकोत्तर हैं। सौम्या ने अपने पिता को मंत्री बनाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि उन्हें मंत्री बनाया जाना पार्टी के लिए फायदेमंद होगा।


रामलिंगा ने कहा कि जयनगर में जीत मेरी जिम्मेदारी थी क्योंकि यहां से टिकट के लिए पार्टी में कई दावेदार थे और उसके बावजूद पार्टी ने सौम्या को मौका दिया था। उन्होंने कहा कि वे इस क्षेत्र से १९७९ से विधायक रहे हैं और अब भी यहां के लोगों के संपर्क में हैं। कांग्रेस की सरकार ने इस क्षेत्र ेके लिए अच्छा काम किया था और इसका फायदा भी पार्टी को मिला।


रामलिंगा ने कहा कि वे सात बार विधायक चुने गए हैं और जीत के लिए कभी वरिष्ठ नेताओं के प्रचार का सहारा नहीं लिया। इस बार भी प्रदेश अध्यक्ष डॉ जी परमेश्वर और डी के शिवकुमार ने प्रचार के लिए पेशकश की थी लेकिन मैंने उन्हें कहा था कि अगर जरुरत पड़ी तो बताऊंगा।


यह मेरा पुराना क्षेत्र है और मुझे बेटी के बड़े अंतर से जीत की उम्मीद थी। हालांकि, जीत तो जीत है, चाहे कितना भी हो। प्रह्लाद ने जनादेश स्वीकार करते हुए कहा कि वे क्षेत्र में काम करते रहेंगे। प्रह्लाद ने ट्वीट कर कहा कि लोकतंत्र में उतार-चढ़ाव चलता रहता है। हार मजबूत होने का मौका देती है। मैं और मेरी पार्टी जयनगर क्षेत्र के लोगों के लिए काम करती रहेगी। लोग जितना सोच रहे हैं उससे कहीं जल्दी हम फिर से मजबूत होंगे। प्रह्लाद ने जीत पर कांग्रेस और सौम्या को बधाई भी दी।


जयनगर विधानसभा क्षेत्र केंद्रीय अनंत कुमार के निर्वाचन क्षेत्र बेंगलूरु दक्षिण में आता है। कुमार ने ट्वीट कर कहा कि जयनगर के मतदाताओं का निर्णय हमें स्वीकार है लेकिन भाजपा की हार के लिए कुमार ने कांग्रेस और जद-एस के अपवित्र गठजोड़ का ठहराते हुए कहा कि कांटे की टक्कर में पार्टी काफी कम अंतर से हारी है। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार भाजपा का वोट बढ़ा है।

सौम्या ने संभाली पिता की विरासत
सौम्या के पिता रामलिंगा रेड्डी भी इस क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुके हैं लेकिन २००८ में नए परिसीमन के बाद वे पड़ोस के बीटीएम ले-आउट क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। १९७८ में बनी इस सीट पर १९७८, ८३ और ८५ में जनता पार्टी के एम चंद्रशेखर चुने गए और इसके बाद हुए चार चुनावों-१९८९,९४,९९ और २००४ में रेड्डी चुने गए। इसके बाद २००८ और २०१३ में भाजपा के विजय कुमार जीते थे।

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