भाजपा विधायक तिप्पेस्वामी से हुई मुलाकात पर उन्होंने कहा कि इस मुकाम पर उनको कोई टिकट का आश्वासन देना संभव नहीं है। पिछले पंद्रह सालों में चामुंडेश्वरी के मतदाताओं से संपर्क नहीं रखने के जद (ध) के आरोपों पर उन्होंने कहा कि क्या कुमारस्वामी इस क्षेत्र के जुड़े रहे हैं। लोगों को गुमराह करने के लिए इस तरह की बयानबाजी की जा रही है। क्षेत्र के मतदाताओं का उनमें विश्वास है और वे उनको हारने नहीं देंगे।
चराई गाय-भैंस, अब गर्मी से परेशानी नहीं
उन्होंने कहा कि मैंने बचपन में गर्मियों में भी गाय-भैंसे चराई हैं, लिहाजा तेज धूप में चुनाव प्रचार करने से कोई कठिनाई नहीं हो रही है। उन्होंने पार्टी में बगावत से इनकार करते हुए कहा कि अधिकतर विधायकों को टिकट दिए गए हैं। जिन्हें टिकट नहीं मिला, उनकी नाराजगी जाहिर करना स्वाभाविक व सामान्य है। ऐसा सभी दलों में होता रहा है।
उन्होंने कहा कि मैंने बचपन में गर्मियों में भी गाय-भैंसे चराई हैं, लिहाजा तेज धूप में चुनाव प्रचार करने से कोई कठिनाई नहीं हो रही है। उन्होंने पार्टी में बगावत से इनकार करते हुए कहा कि अधिकतर विधायकों को टिकट दिए गए हैं। जिन्हें टिकट नहीं मिला, उनकी नाराजगी जाहिर करना स्वाभाविक व सामान्य है। ऐसा सभी दलों में होता रहा है।
———– हम कांग्रेस के साथ: राकांपा बेंगलूरु. शरद पवार के नेतृत्ववाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने विधानसभा चुनाव में धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस का समर्थन करने की मंशा जताते हुए कर्नाटक में जनता दल (ध) के साथ किया गठबंधन तोड़ दिया है। एनसीपी के नेता डी.पी. त्रिपाठी ने यह जानकारी दी। यहां मंगलवार को उन्होंने बताया कि कर्नाटक में अगर किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो ऐसी स्थिति में जनता दल (ध) तथा भाजपा के संभावित गठबंधन के संकेत मिलने के कारण एनसीपी ने जद के साथ चुनावी गठबंधन नहीं करने का फैसला लिया है। एनसीपी चाहती है कि कर्नाटक में फिर एक बार कांग्रेस की धर्म निरपेक्ष सरकार बने।
इस चुनाव के लिए एनसीपी ने ‘तेरे भैय्या मेरे भैय्या सिद्धरामय्याÓ नारा देते हुए जद (ध) का साथ छोड़कर कांग्रेस का समर्थन करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या सरकार की सराहना करते उन्होंने हुए कहा कि धर्मनिरपेक्ष सिद्धरामय्या देश के एक कुशल प्रशासक साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के परिणामों का देश की राजनीति पर असर होगा चुनाव परिणाम के पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा को भंग कर समय पूर्व आम चुनाव करवा सकते है।
वर्ष 2019 के आम चुनाव में सांप्रदायिक भाजपा को हराने के लिए वामपंथी समेत देश की धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों का ध्रुवीकरण अनिवार्य है। साथ में भाजपा के खिलाफ विपक्ष की एकता के लिए केवल कांग्रेस ही एक मात्र मंच नहीं है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के अल्पसंख्यक मतदाता कभी भी सांप्रदायिक भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे। जनता दल (ध) का समर्थन करना माने परोक्ष रूप से सांप्रदायिक भाजपा का समर्थन करना होगा। विधान सभा चुनाव में कर्नाटक के विवेकी मतदाता सांप्रदायिक ताकतों को हरा कर देश को स्पष्ट संदेश देने जा रहें है।