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जद-एस के विधायक एच. विश्वनाथ को अब भी आस

locationबैंगलोरPublished: Jun 07, 2018 05:41:13 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भी विश्वनाथ का चेहरे पर मंत्री नहीं बनाने का कोई मलाल नजर नहीं आया

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जद-एस के विधायक एच. विश्वनाथ को अब भी आस

बेंगलूरु. पूर्व सांसद व हुणसूर से जद-एस के विधायक एच. विश्वनाथ ने मंत्री नहीं बनाए जाने के बावजूद उम्मीद जताई है कि पार्टी ने उन्हें समुचित जिम्मेदारी देगी। गठबंधन की सरकार का गठन करते समय जद-एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच.डी. देवेगौड़ा ने विश्वनाथ को विधानसभा अध्यक्ष बनाने का आश्वासन दिया था। लेकिन गठबंधन को लेकर हुए अनुबंध के तहत अध्यक्ष का पद कांग्रेस के खाते में चले जाने के कारण देवेगौड़ा विश्वनाथ को दिया आश्वासन पूरा नहीं कर पाए। बताया जाता है कि इसके बाद देवेगौड़ा ने विश्वनाथ को तत्काल बुलाकर कहा कि क्या आपको विधानसभा का उपाध्यक्ष बनना स्वीकर है?
इस पर विश्वनाथ ने देवेगौड़ा से कहा कि आप मेरे बारे में चिंता नहीं नहीं करें क्योंकि पार्टी पर दबाव का मुझे पूरा अहसास है। उन्होंने कहा कि एस.एम. कृष्णा की सरकार में वे तीसरे स्थान पर बैठकर कार्य कर चुके हैं, काबीना स्तर से नीचे उनको कोई पद नहीं चाहिए। उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष का पद ए.टी. रामास्वामी को देने की सिफारिश की और कहा कि वे अध्यक्ष की गैर मौजूदगी में सदन की कार्यवाही अच्छी तरह से चलाने में समर्थ हैं। सत्ता चाहे रहे या नहीं रहे पर वे कुमारस्वामी के साथ होकर काम करेंगे और उनको पद की कोई लालसा नहीं है। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भी विश्वनाथ का चेहरे पर मंत्री नहीं बनाने का कोई मलाल नजर नहीं आया और वे सभी के साथ प्रसन्नचित्त मुद्रा में बातचीत करते नजर आ रहे थे।
ऑपरेशन कमल से बचने की कोशिश
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने भाजपा के ऑपरेशन कमल से बचने के लिए वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा कर नए चेहरों को ज्यादा संख्या में मंत्री बनाया है। पार्टी ने सरकार के गठन के दौरान भाजपा के साथ संपर्क बनाकर रखने वाले वेंकटरमणप्पा, पुट्टरंग शेट्टी, जमीर अहमद, शिवानंद पाटिल, राजशेखर पाटिल तथा निर्दलीय सदस्य आर. शंकर को मंत्री पद दिलाए हैं। मंत्री नहीं बनाने की स्थिति में इन लोगों के किसी भी समय आपरेशन कमल की तरफ आकर्षित होने की आशंका थी लिहाजा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हालात का बारीकी से विश्लेषण करने के बाद ही पुराने चेहरों को बाहर रखने का फैसला लिया। हालांकि, संगमेश को मंत्री नहीं बनाया गया। संगमेश से भी भाजपा ने संपर्क किया था और पार्टी ने उन्हें मंत्री बनाने का भरोसा दिया था। पार्टी का मानना है कि पुराने नेता निष्ठावान हैं और थोड़े समय बाद काम में जुट जाएंगे।
देवगौड़ा के पर नेताओं का जमावड़ा: जद-एस में भी असंतोष के सुर
मंत्री नहीं बनाने पर जद-एस के नेताओं में भी नाराजगी है। पार्टी ने वरिष्ठ नेता बसवरात होरट्टी, ए टी रामास्वामी, एच के कुमारस्वामी, एच विश्वनाथ और एच के कुमारस्वामी मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं। हालांकि, एम सी मनगोली और डी सी तमण्णा का नाम जद-एस की सूची में अंतिम क्षणों में जोड़ा गया। अरकलगुड के विधायक ए.टी. रामास्वामी ने देवेगौड़ा से मुलाकात करके विरोध प्रकट किया है। होरट्टी तथा सकलेशपुर के विधायक एच.के. कुमारस्वामी ने भी मंत्री नहीं बनाए जाने पर नाराजगी प्रकट की है।
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