विश्वनाथ ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने अपना त्यागपत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा को भेज दिया है। विश्वनाथ ने माना कि कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाने के बावजूद दोनों दलों में तालमेल नहीं है, इसके लिए गठबंधन समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्धरामय्या जिम्मेदार हैं।
सिद्धरामय्या जद-एस व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों को समिति का सदस्य नहीं बनाना चाहते। सरकार का गठन होने के एक साल बाद भी साझा न्यूनतम कार्यक्रम लागू करने के प्रयास नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि वे आम चुनाव परिणाम घोषित होने के तत्काल बाद ही इस्तीफा देना चाहते थे, लेकिन देवगौड़ा की सलाह पर उन्होंने इसे कुछ समय तक के लिए टाल दिया।
विश्वनाथ ने भाजपा में शामिल होने की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा कि वे जद-एस में ही रहेंगे और एक सामान्य कार्यकर्ता की तरफ पार्टी की सेवा करेंगे। एक सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार में बतौर मंत्री शामिल होने की कोई आकांक्षा नहीं है, यदि पेशकश की जाती है तो वे इस बारे में विचार कर सकते हैं।