जीतो के चेयरमैन श्रीपाल खिंवेसरा व जीतो के भोजन व्यवस्था के प्रोजेक्ट चेयरमैन पारस भंडारी ने ‘पत्रिका’ को बताया कि जीतो टीम ने कर्नाटक के श्रम विभाग, पुलिस प्रशासन व बीबीएमपी से सम्पर्क कर भोजन व्यवस्था शुरू की है। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग से बेंगलूरु में विभिन्न क्षेत्रों खासकर रियल एस्टेट में काम करने वाले निर्माण श्रमिक व अन्य दैनिक मजदूरों की सूची मांगी थी। विभाग ने २७ हजार मजदूरों की सूची उपलब्ध कराई है। इसमें से १४ हजार श्रमिकों के भोजन व ठहरने की व्यवस्था रियल एस्टेट प्रबंधन व सरकार ने की है। शेष बचे १३ हजार श्रमिकों के सुबह-शाम के भोजन की व्यवस्था जीतो कर रहा है। इसके अलावा अन्य कहीं भी कोई व्यक्ति मिलेगा तो उसे भी भोजन के पैकेट दिए जाएंगे।
पैलेस ग्राउंड में भोजन बनाने व पैक करने की व्यवस्था की गई है। रविवार को पैलेस ग्राउंड के आसपास रहने वाले मजदूर व अन्य जरूरतमंदों को भोजन के पैकेट वितरित कर अभियान की शुरुआत की गई। उन्होंंने बताया कि भोजन पैकेट वितरित करने की दृष्टि से बेंगलूरु को छह जोन में बांटा है। इनमें पैलेस ग्राउंड से शुरू होकर, मैसूरु रोड-कैंगेरी रोड, राजाजीनगर-पीनिया-यशवंतपुर, यलहंका-जक्कूर-देवनहल्ली, जयनगर-उत्तरहल्ली-केआर रोड, महादेवपुरा-व्हाइटफील्ड व अन्य शामिल हैं। इस कार्य में जीतो के १५० स्वयं सेवक सुबह शाम भोजन के पैकेट वितरित करने का कार्य कर रहे हैं।
खाना सरकार के मापदंडों के साथ कोरोना की सम्पूर्ण सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार व पैक करने की व्यवस्था की गई है। शुरुआत में १३ हजार को प्रति टाइम खाने के पैकेट देंगे बाद में यह संख्या २० हजार व्यक्ति प्रति टाइम से अधिक करने की है। भोजन वितरण के इस कार्य में प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रमोद भंडारी, जीतो चेयरमैन श्रीपाल खिंवेसरा, सचिव दिनेश बोहरा, फूड कमेटी चेयरमैन प्रकाश भोजानी के साथ समूचा जैन समाज इस कार्य में भागीदारी निभा रहा है। इस अवसर पर जीतो के वाइस चेयरमैन ललित करबावाला, मीडिया प्रभारी व सहमंत्री सज्जनराज मेहता, अशोक गजानन, मनोज बोहरा, प्रकाश लूणावत, जीतो यूथ चेयरपर्सन कोमल भंडारी व पूरी टीम उपस्थित रही।
वाहनों को किया सेनेटाइज
खाना लेकर जाने वाले सभी छोटे बड़े 12 ट्रकों को भी अन्दर बाहर से सेनेटाइज किया गया है। इसके बाद सुरक्षा के सभी मापदंडों को अपनाते हुए खाने के पैकेट रखे गए हैं। खाना बांटने वालों को मुंह पर बांधने के लिए मास्क व हाथों के लिए ग्लोज दिए गए हैं।
खाना लेकर जाने वाले सभी छोटे बड़े 12 ट्रकों को भी अन्दर बाहर से सेनेटाइज किया गया है। इसके बाद सुरक्षा के सभी मापदंडों को अपनाते हुए खाने के पैकेट रखे गए हैं। खाना बांटने वालों को मुंह पर बांधने के लिए मास्क व हाथों के लिए ग्लोज दिए गए हैं।