लोकोपचार विनय
यह विनय का सातवां (अंतिम) भेद है। लोकोपचार विनय के द्वारा कैसे इतिहास रचा जाता है, इसका उदाहरण यह 23 वां अध्ययन है। लोकोपचार विनय के द्वारा मैत्री को प्रगाढ़ किया जा सकता है । परायों को अपना बनाया जा सकता है। जब तक लोकोपचार विनय की साधना नहीं होती तब तक व्यक्ति अपनों के साथ रहकर भी खुश नहीं रहता।
यह विनय का सातवां (अंतिम) भेद है। लोकोपचार विनय के द्वारा कैसे इतिहास रचा जाता है, इसका उदाहरण यह 23 वां अध्ययन है। लोकोपचार विनय के द्वारा मैत्री को प्रगाढ़ किया जा सकता है । परायों को अपना बनाया जा सकता है। जब तक लोकोपचार विनय की साधना नहीं होती तब तक व्यक्ति अपनों के साथ रहकर भी खुश नहीं रहता।
चेलना की कथा सुनाते हुए मुनि ने कहा कि अपने जीवन में कभी भ्रूण हत्या जैसा घिनौना पाप न करें क्योंकि ऐसे पाप का कोई प्रायश्चित नहीं होता। कोई जीव हमारी शरण में आया है तो उसे मारकर कर्म बंध मत करो।
प्रेम कुमार कोठारी ने बताया कि संचालन संघ के मंत्री मनोहर लाल ने किया। इस मौके पर चेन्नई पेरंबूर से रिखबचंद मुथा ,संजय मेहता, मालती बाई कुंकुलोल परिवार सहित संघ लेकर उपस्थित थे।