बैंगलोर

कलबुर्गी हत्याकांड : तीन साल बाद भी हत्यारे पकड़ से बाहर

30 अगस्त 2015 को हुब्बल्ली में हुई थी तर्कवादी कलबुर्गी की हत्या

बैंगलोरAug 31, 2018 / 08:45 pm

Ram Naresh Gautam

कलबुर्गी हत्याकांड : तीन साल बाद भी हत्यारे पकड़ से बाहर

बेंगलूरु. तर्कवादी और प्रगतिशील विचारक प्रो. एम.एम. कलबुर्गी की हत्या के तीन वर्ष बीतने के बाद भी आज तक पुलिस के हाथ हत्यारों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। 30 अगस्त 2015 को धारवाड़ के कल्याण नगर स्थित उनके निवास स्थान पर अज्ञात बंदूकधारियों ने कलबुर्गी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड में गिरफ्तार कुछ संदिग्धों के तार कलबुर्गी हत्याकांड से जुडऩे की बातें जरूर की गई लेकिन अब तक कलबुर्गी हत्याकांड की जांच कर रही सीआइडी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। माल्लेशप्पा मडिवालप्प कलबुर्गी या एम.एम. कलबुर्गी प्रसिद्ध कन्नड़ लेखक, प्रोफेसर और कन्नड़ विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके थे। अपने तर्कवादी विचारों के कारण वे अक्सर कट्टरवादी विचारधारा के लोगों की आलोचना के केन्द्र में रहते थे। इसलिए उनकी हत्या के पीछे का मूल कारण उनकी प्रगतिशील विचारधारा को माना गया है।
हत्याकांड के अगले दिन ही राज्य सरकार ने मामले की जांच सीआइडी को सौंप दी थी लेकिन जांच प्रक्रिया के तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक सीआइडी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। इस बीच कहा जा रहा है कि गौरी लंकेश हत्याकांड में जिन 12 लोगों की गिरफ्तारी हुई है उनमें से दो सुजीत कुमार और गणेश मिस्किन की कलबुर्गी हत्याकांड में भूमिका हो सकती है। चूंकि सुजीत उडुपी और गणेश हुब्बल्ली का निवासी है और दोनों के दक्षिणपंथी संगठनों के संदिग्ध सदस्य होने की संभावना है इसलिए इनके तार कलबुर्गी हत्याकांड से जोड़े जा रहे हैं। जांच एजेंसियों को इन दोनों की भूमिका को लेकर कोई विशेष सबूत अब तक हाथ नहीं लगा है।
 

हत्या के पीछे के संगठन पर हो कार्रवाई
गौरी लंकेश, डॉ कलबुर्गी, पनसारे, डाभोलकर हत्या विरोधी संघर्ष समिति चाहता है कि मामले की जांच का जिम्मा कर्नाटक विशेष जांच दल (एसआइटी) को सौंपा जाए। समिति का कहना है कि सीआइडी अब तक हत्यारों को पकडऩे में सफल नहीं हुई है और ना ही जांच प्रक्रिया से हम संतुष्ट हैं। इसलिए हम मांग करते हैं कि कलबुर्गी मामले की जांच को जल्द सुलझाने के लिए इसे एसआइटी को सुपुर्द किया जाए। समिति का कहना है कि हम हम सिर्फ यह नहीं चाहते हैं कि हत्यारों को सजा हो बल्कि हमारी मांग है कि इन हत्याओं के पीछे जिन संगठनों का दिमाग है कि उनके खिलाफ कार्रवाई हो।
 

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच चाहता है परिवार
कलबुर्गी के पुत्र श्रीविजय ने भरोसा जताते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही न्याय मिलेगा। एसआइटी ने गौरी लंकेश मामले कुछ सदिग्धों को गिरफ्तार किया है जिनकी इस मामले में भी भूमिका संदेहास्पद है। उन्होंने कहा कि आरोपपत्र जल्द से जल्द दाखिल किया जाना चाहिए। श्रीविजय ने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर करेंगे और मांग करेंगे कि जांच सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में हो।
 

एसआइटी को मिल सकती है जांच
गृह विभाग के सूत्रों का कहना है कि सरकार अब इस मामले की जांच विशेष जांच दल को सौंपने पर विचार कर रही है। गृह विभाग का दायित्व संभाल रहे उपमुख्यमंत्री डॉ जी परमेश्वर ने भी गौरी मामले में इस बात के संकेत दिए हैं।
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