पुलिस के प्रति नजरिया बदलने वाली फिल्म 'खिलाड़ी गळू
रोमांच के साथ भाव-विभोर करने वाले गीत भी

बेंगलूरु. गुरुवार को रिलीज हुई कन्नड़ फिल्म 'खिलाड़ी गळूÓ कई मायनों में लीक से हटकर कुछ नया संदेश देने वाली फिल्म है। आमतौर पर फिल्मों में पुलिस को भ्रष्टाचारी के रूप में दिखाया जाता रहा है लेकिन इस फिल्म में पुलिस का मानवीय चेहरा, वर्दी के पीछे धड़कता संवेदनशील हृदय दिखाया गया है जो अपनी जान की बाजी लगा कर समाज की सुरक्षा करता है।
फिल्म में बच्चों के स्वाभाविक जीवन को छीन रही सामाजिक तथा पारिवारिक अव्यवस्था पर करारा प्रहार किया गया है। समाजसेवी महेंद्र मुणोत ने इस फिल्म में ऐसे ही एक समर्पित पुलिस अधिकारी महेंद्र वर्मा की भूमिका बखूबी निभाई है। उन पर फिल्माए गए एक गीत में पुलिस की सेवा का गुणगान किया गया है और पुलिस को समाज का सुरक्षा का कवच बताया है।फिल्म की कहानी बच्चों के अपहरण तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फलते-फूलते मानवीय अंगों की तस्करी के धंधे पर आधारित है।
इस फिल्म के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों के परिवारों में बच्चों की परवरिश की अनदेखी, परिजनों की व्यस्तता का बच्चों पर असर, किसी परिवार के व्यसनी मुुखिया के कारण होने वाली परिवार की तबाही को मार्मिक ढंग से चित्रित किया गया है। अपहृत बच्चों को छुड़ाने में एक पुलिस अधिकारी कैसे अपना निभाता है, इसे फिल्म में रोमांचक तरीके से चित्रित किया गया है। फिल्म में लोकगीत कलाकार गुरुराज होसकोटी के पुलिस कर्मियों के लिए समर्पित भाव-विभोर करने वाले गीत हैं। फिल्म में उन्होंने पुलिस आयुक्त की भूमिका भी निभाई है।
फिल्म बच्चों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने की प्रेरणा और अभिभावकों को बच्चों के लिए समय निकालने का संदेश देती है।निर्देशक बीपी हरिहरन, शेषगिरी, रिनेश कुमार, समरथ, गुणवती समेत विभिन्न कई बाल कलाकारों ने भूमिका निभाई है।
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