केंद्रीय कानून और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Union Law and Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi) ने सोमवार को ट्वीट करते हुए संशोधन की घोषणा की। उन्होंने नया आदेश भी पोस्ट किया। मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि हम सभी को गर्व है कि कन्नड़ को भारतीय भाषाओं (प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए) में शामिल किया गया है।
कन्नड़ की अनदेखी का आरोप रविवार को कन्नड़ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और प्रसिद्ध कन्नड़ फिल्म निर्देशक टी.एस. नागभरण और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी (former Chief Minister H.D. Kumaraswamy ) ने प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए चुनी गई भाषाओं में कन्नड़ पर विचार नहीं करने के लिए संसदीय अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान की आलोचना की थी।
उन्होंने कन्नड़ भाषा व संस्कृति की अनदेखी करने का आरोप लगाया था। मालूम हो कि प्रारंभ में गुजराती, बंगाली, मराठी, उडिय़ा, तमिल और तेलुगु को भारतीय भाषाओं में चुना गया था। इसके अलावा फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन, जापानी, रूसी और पुर्तगाली में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।