उन्होंने कहा कि कन्नड़ संगठनों ने अब मराठा समुदाय विकास निगम के गठन को निरस्त करने की मांग के साथ-साथ बल्लारी जिले के विभाजन का भी विरोध करने का फैसला किया है। इस फैसले के तहत 5 दिसम्बर को सुबह 6 बजे से लेकर शाम को 6 बजे तक कर्नाटक बंद का ऐलान किया गया है।
सरकार का फैसला एकतरफा उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक पक्षीय फैसला लेते हुए मराठा समुदाय विकास निगम का गठन करने के अलावा बल्लारी जिले के विभाजन का फैसला किया है। ऐसे फैसले लेते समय राज्य सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलाने की आवश्यकता थी। लेकिन केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए ऐसे फैसले किए गए हैं। जिनका कन्नड़ संगठन पुरजोर विरोध करेंगे।
दबाव में नहीं आएंगे कन्नड़ संगठनएस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हाल में सत्तासीन भाजपा के विधायकों के बयानों को देखते हुए लगता है कि सत्तासीन भाजपा कन्नड़ संगठनों को धमकाने का प्रयास कर रही है। लेकिन कन्नड़ संगठन किसी के दबाव में नहीं आएंगे। कर्नाटक की अस्मिता की रक्षा करना कन्नड़ संगठनों का दायित्व है। लिहाजा कन्नड़ संगठनों को सरकार ऐसा संघर्ष करने से रोक नहीं सकती है। विपक्षी कांग्रेस तथा जनता दल जैसे राजनीतिक दलों को भी मौन छोड़कर कन्नड़ संगठनों का समर्थन करना होगा।
राज्य सरकार का रवैया तानाशाह जैसा साहित्यकार बीटी ललिता नायक ने कहा कि राज्य सरकार किसी निरंकुश तानाशाह जैसा बरताव कर रही है। सदन में बहुमत होने के कारण सरकार एकतरफा फैसले लेकर ऐसे फैसलों को जनता पर लादने का प्रयास कर रही है। ऐसी मानसिकता गणतंत्र के लिए घातक होने के कारण हमें इस सरकार के खिलाफ एकजुट होकर कर्नाटक बंद को सफल करना होगा।