कर्म ही आत्मा के संसार में परिभ्रमण का कारण-मुनि सुधाकर
तेयुप हनुमंतनगर की सेमिनार का आयोजन

बेंगलूरु. तेरापंथ युवक परिषद हनुमंतनगर के तत्वावधान में गुरुवार को मुनि सुधाकर व मुनि नरेश कुमार के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन में गुड लाइफ गुड लक विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। मुनि सुधाकर ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा जैन दर्शन आत्मवाद, कर्मवाद पर आधारित है। आत्मा का संसार में परिभ्रमण का कारण कर्म है। जब आत्मा अष्ट कर्मों से मुक्त हो जाती है तब वह बुध, शुद्ध व मुक्त बन जाती है। किए हुए कर्मों का फल हर आत्मा को भोगना पड़ता है। जिसमें किसी की आत्मा का कोई अपवाद नहीं है। जो जैसा करता है वैसा फल मिलता है। कर्म संसार बड़ा विचित्र है कर्म से ही कुंडली बनती है।

मुनि ने अष्ट कर्मों व नवग्रहों का तुलनात्मक संबंध बताते हुए कहा कर्म हो या ग्रह व्यक्ति स्वयं जिम्मेदार होता है। अपने उत्थान, पतन, सुख,दुख का कारण भी व्यक्ति स्वयं होता है। व्यक्ति की क्रिया ही कर्म व ग्रह के परिणाम के रूप में फल देती है। किंतु हर व्यक्ति में वह शक्तिऔर सामथ्र्य होता है कि वह अपने किए हुए फलों में भी शुभ व अशुभ परिवर्तन कर सकता है।
मुनि ने नवग्रहों का विवेचन करते हुए कहा हम अपनी आदत व स्वभाव से ग्रहों के प्रभाव को प्रभावित कर सकते हैं। सत्य का आचरण, समय का प्रबंधन, कथनी व करनी की समानता सूर्य ग्रह को बलवान बनाता है। सकारात्मक सोच, पानी का संयम चंद्रमा को बलवान बनाता है। शुभ शब्दों का प्रयोग, शुद्ध बुद्धि का विकास, छोटे की प्रति अपनत्व का भाव बुध को प्रबल बनाता है। बड़ों के प्रति सम्मान व आदर की भावना, संत व गुरुजनों के सेवा गुरु ग्रह के लिए विशेष उपयोगी बनता है। महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना, किसी वस्तु का अपव्यय ना करना, शुक्र को मजबूत बनाता है। क्रोध पर नियंत्रण रखना, पुरुषार्थ में विश्वास रखना, आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहने से मंगल ग्रह शक्तिशाली बनता है। धैर्यथा, गंभीरता व वैराग्य भाव से शनि ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है। राहु और केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए किस की निन्दा, आलोचना व पीठ पीछे बुराई करने से बचने का प्रयास करना चाहिए। मुनि ने कहा घर में रसोईघर, मंदिर इनका रखरखाव भी हमारे ग्रह नक्षत्र को भी प्रभावित करते हैं। कार्यक्रम के शुरुआत में महाश्रमण सुर संगम द्वारा मंगलाचरण किया गया। महिला मंडल की सदस्यों ने गीतिका की प्रस्तुति दी। स्वागत वक्तव्य युवक परिषद अध्यक्ष पवन बोथरा ने दिया। तेरापंथ महासभा से सहमंत्री प्रकाश लोढ़ा, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के कोषाध्यक्ष दिनेश पोखरणा, पूर्व अध्यक्ष विमल कटारिया, युवक परिषद परामर्शक गौतम दक कोषाध्यक्ष व संयोजक ललित बाफना ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के प्रायोजक मंगली देवी दूधेडिय़ा एंड सन्स हैं। कार्यक्रम के सह संयोजक नवरतन बरडिय़ा व नवरतन बोल्या थे। इस अवसर पर सभा अध्यक्ष सुभाष बोहरा, मंत्री हरकचंद ओस्तवाल, महिला मंडल अध्यक्ष मंजू दक, लक्ष्मीपत दूधेडिय़ा, युवक परिषद परामर्शक प्रकाश बोल्या, टीपीएफ अध्यक्ष लक्ष्मीपत मालू, हनुमंतनगर युवक परिषद के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मंत्री धर्मेश कोठारी ने किया। आभार ज्ञापन संगठन मंत्री राहुल मेहता ने दिया।
अब पाइए अपने शहर ( Bangalore News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज