बैंगलोर

सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती पर विचार

इस संबंध में मुख्यमंत्री येडियूरप्पा पहले ही संकेत दे चुके हैं कि यदि लॉकडाउन जारी रहा तो सरकारी कर्मचारियों के अप्रेल के वेतन में कटौती करना अनिवार्य होगा। यदि १४ अप्रेल के बाद लॉकडाउन में ढील भी दी जाती है तो भी कटौती का विकल्प खुला रखा जाएगा। सरकार का यह भी मानना है कि यदि १४ अप्रेल के बाद लॉकडाउन खत्म भी किया जाएगा तो प्रशासनिक गतिविधियां पुन: पटरी पर लाने में ८-१० दिन लगेंगे।

बैंगलोरApr 07, 2020 / 09:27 pm

Surendra Rajpurohit

सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती पर विचार

बेंगलूरु.राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन के कारण गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही राज्य सरकार सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस बारे में पहले ही उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है और कार्मिक व प्रशासनिक सुधार विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री येडियूरप्पा पहले ही संकेत दे चुके हैं कि यदि लॉकडाउन जारी रहा तो सरकारी कर्मचारियों के अप्रेल के वेतन में कटौती करना अनिवार्य होगा। यदि १४ अप्रेल के बाद लॉकडाउन में ढील भी दी जाती है तो भी कटौती का विकल्प खुला रखा जाएगा। सरकार का यह भी मानना है कि यदि १४ अप्रेल के बाद लॉकडाउन खत्म भी किया जाएगा तो प्रशासनिक गतिविधियां पुन: पटरी पर लाने में ८-१० दिन लगेंगे। अभी तक स्थिति साफ नहीं होने से सभी विभागों में सामान्य कामकाज शुरू होना संदिग्ध लग रहा है। इसी कारण अप्रेल में सरकारी कर्मचारियों के वेतन में २० फीसदी कटौती पर विचार चल रहा है। बताया जाता है कि राज्य सरकार जनप्रतिनिधियों के वेतन में केन्द्र सरकार द्वारा की गई कटौती के माडल का अनुकरण करेगी और सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती के साथ ही संसाधन जुटाने में तेजी लाकर जनहित कार्यक्रमों के लिए धन जारी करेगी। यदि वेतन में कटौती का पुरजोर विरोध होता है तो ऐसे में सरकार अगले तीन माह तक कर्मचारियों को श्रेणीवार एक निश्चित प्रतिशत में वेतन का भुगतान करने का विकल्प भी चुनने पर विचार कर रही है। संभवत: अगले एक सप्ताह में सरकार इस संबंध में किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी।कांग्रेस ने किया विरोध केपीसीसी के अध्यक्ष डी.के.शिवकुमार ने कहा कि राज्य सरकार को कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन के बाद सरकार ने ही कर्मचारियों को कार्यालय आने से मना किया और कर्मचारी काम पर नहीं गए। सरकार को उनके वेतन में कटौती नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीबीएमपी,जल बोर्ड सहित किसी भी विभाग का नया काम हाथ में नहीं लेना चाहिए और निर्माण कार्य के लिए धन जारी नहीं किया जाए। सरकारी कर्मचारी घर पर हैं और उनका जीवन भी अनिश्चितताओं में बीत रहा है। ऐसे में यदि उनके वेतन में कटौती की जाती है तो मासिक बजट गड़बड़ा जाएगा और उनका जीना दुश्वार हो जाएगा।

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