जिला निगरानी अधिकारी डॉ. मंजुनाथ एचके ने बताया कि सभी संक्रमित परिसर में छात्रावास के निवासी हैं। रैंडम जांच के तहत स्कूल के 175 विद्यार्थियों के नमूने आरटी-पीसीआर जांच के लिए भेजे गए थे। 17 नमूने संक्रमित निकले। दो संक्रमित विद्यार्थियों में ही कोविड के लक्षण सामने आए हैं। 17 में से तीन विद्यार्थी अस्पताल में भर्ती हैं। शेष को परिसर में ही आइसोलेट किया गया है।
अगले एक सप्ताह तक किसी को भी कैंपस छोडऩे की अनुमति नहीं है। एक सप्ताह बाद सभी की आरटी-पीसीआर (RT-PCR) जांच होगी। निगरानी उपायों के तहत शिक्षण संस्थानों के कम-से-कम 10 प्रतिशत छात्रों के परीक्षण के निर्देश हैं।
उन्होंने कहा कि संक्रमण का स्रोत जानने की कोशिशें जारी हैं। यात्रा का इतिहास भी नहीं है। सभी कर्नाटक और ज्यादातर विद्यार्थी चिकमगलूरु जिले के ही निवासी हैं।
स्कूल के एक अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर विद्यार्थी करीब तीन सप्ताह पहले छात्रावास पहुंचे थे। सभी ने आरटी-पीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट भी सौंपी थी। विद्यार्थियों के आने से पहले सभी कर्मचारियों का टीकाकरण भी पूरा हो चुका है। संक्रमण के मामले सामने आने के बाद स्कूल को कोविड देखभाल केंद्र में तब्दील कर दिया गया है। सभी की देखभाल अच्छी तरह से हो रही है।