राज्य सरकार की ओर से कोरोना नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए मंत्रियों ने पीएम को बताया कि प्रति दिन जांच का दायरा 20 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है और जल्द ही इसे 75 हजार तक पहुंचा दिया जाएगा। कोविड-19 रोगियों को नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है और निजी अस्पातलों में भी कोरोना मरीजों के उपचार लागत को विनियमित किया गया है। पिछले 40 दिनों के दौरान राज्य और बेंगलूरु शहर में कोरोना के मामलों में आई तेजी की वजह भी पीएम मोदी के सामने स्पष्ट किया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि कोरोना पॉजिटिवि रोगियों और उसके संपर्कों की मुस्तैदी से निगरानी के लिए बूथ स्तर पर समितियां बनाई गई हैं तथा होम क्वारंटाइन को सख्ती से लागू किया जा रहा है। इस तरह की 8154 समितियां केवल बेंगलूरु में ही बनाई गई हैं। राज्य में कोरोना से औसत मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से कम है। जहां राष्ट्रीय औसत 1.99 फीसदी है वहीं, कर्नाटक का औसत 1.8 और बेंगलूरु का 1.7 फीसदी है।
मंत्रियों ने पीएम को बताया कि ऑक्सीजन सुविधा वाले बिस्तरों की संख्या सितम्बर अंत तक 2 लाख हो जाएगी। राज्य में कोरोना जांच के लिए मार्च में सिर्फ दो प्रयोगशालाएं थीं जो अगस्त अंत तक 100 हो जाएंगी। एंबुलेंस की संख्या 800 से बढक़र 2 हजार हो चुकी हैं। सामाजिक दूरी कायम रखने, मास्क पहनने जैसे दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन हो रहा है। दिशा निर्देशों का उल्लंघन करे वालों से 6 करोड़ रुपए जुर्माना वसूला जा चुका है जबकि 2 लाख 5 हजार 29 मामले दर्ज किए गए हैं।
इस दौरान राज्य में स्नातक चिकित्सा और स्नातकोत्तर मेडिकल सीटों में दोगुनी वृद्धि का प्रस्ताव राज्य सरकार ने पीएम मोदी के समक्ष रखा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने भी इसी तरह की अपील की। चिकित्सा शिक्षा मंत्री के.सुधाकर ने बताया कि केंद्र से स्नातक मेडिकल की सीटें बढ़ाकर 10 हजार और पीजी मेडिकल सीटें बढ़ाकर 2 हजार करने की मांग की है। सरकार ने अंतिम वर्ष के मेडिकल छात्रों और पैरामेडिकल के छात्रों की कक्षाएं शुरू करने की भी मांग की ताकि कोविड-19 से जुड़े मामलों में उनकी तैनाती की जा सके। मेडिकल छात्रों के लिए एक साल की सरकारी सेवाएं अनिवार्य करने की भी बात राज्य सरकार ने केंद्र से कही है। इसके अलावा राज्य में कुछ ऑक्सीजन उत्पादक संयंत्र स्थापित करने का भी अनुरोध किया। सुधाकर ने कहा कि पीएम मोदी के सभी सुझावों को राज्य सरकार लागू करेगी।