मान-मनौवल के बाद चुनावी मैदान से कई हटे, कई डटे
बैंगलोरPublished: Apr 26, 2023 09:58:51 pm
सभी पार्टियों में निकले बागी, चुनाव लड़े बगैर जद-एस हार गई एक सीट


मान-मनौवल के बाद चुनावी मैदान से कई हटे, कई डटे
बेंगलूरु.
राज्य विधानसभा चुनाव में तीनों ही प्रमुख पार्टियां बागी उम्मीदवारों का सामना कर रही हैं। सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अलावा जद-एस के कई बड़े नेता अपनी पार्टी छोडक़र दूसरे दलों में शामिल हुए। उन्हें दूसरी पार्टियों में टिकट भी मिला। लेकिन, कई दावेदार टिकट से चूक गए। अब वे बागी उम्मीदवार के तौर पर अपनी ही पार्टी के लिए चुनौती बन गए हैं। हाालंकि, मान-मनौवल के बाद कई बागी नेता मान गए लेकिन, कई अब भी ताल ठोंक रहे हैं।
गदग जिले के शिरहट्टी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने मौजूदा विधायक रमन्ना लमानी की जगह चंद्रू लमानी को उम्मीदवार बनाया तो रमन्ना ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया। लेकिन, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा उन्हें मनाने में कामयाब रहे। रमन्ना के अलावा भाजपा के दो अन्य टिकट दावेदार भीम सिंह राठौड़ और गुरुनाथ डी. ने भी यहां से पर्चा भरा था। लेकिन, येडियूरप्पा के हस्तक्षेप से सभी ने नाम वापस ले लिए। बेलगावी के कित्तूर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने वर्तमान विधायक महंतेश दोड्डगौडर को टिकट दिया लेकिन, एक अन्य प्रबल दावेदार जगदीश हारुकोप्पा ने विरोधस्वरूप निर्दलीय नामांकन दाखिल किया। राज्यसभा सांसद इरन्ना करड़ी सहित कई अन्य भाजपा नेताओं ने उनके साथ बैठक की और मनाने में कामयाब रहे। बेलगावी जिले के ही रामदुर्ग विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान भाजपा विधायक महादेवप्पा याडवाड बागी हो गए थे। यहां से पार्टी ने चिक्क रेवण्णा को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन, पार्टी महासचिव (संगठन) बीएल संतोष के हस्तक्षेप के बाद याडवाड मान गए। तुमकूरु जिले के कुनिगल से भाजपा ने फिर एक बार डी कृष्ण कुमार को उतारा तो, दूसरे दावेदार राजेश गौड़ा बागी हो गए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील अंतत: राजेश गौड़ा का नामांकन वापस कराने में सफल हुए।
नहीं माने भाजपा के बागी
लेकिन, कई सीटों पर भाजपा के बागी उम्मीदवार तमाम प्रयासों के बावजूद नहीं माने। भ्रष्टाचार के आरोपों और लोकायुक्त जांच का सामना कर रहे चन्नगिरि के विधायक मडाल विरुपाक्षप्पा को टिकट नहीं मिलने पर उनके छोटे बेटे मडाल मल्लिकार्जुन मैदान में उतर गए हैं। उन्होंने नाम वापस लेने से इनकार कर दिया। बेलगावी के बेलहोंगल विधानसभा सीट से पिछली बार भाजपा उम्मीदवार जगदीश मेटगुड चुनाव हार गए थे। लेकिन, पार्टी ने उन्हें फिर एक बार टिकट दिया है। उनके खिलाफ बागी उम्मीदवार डॉ विश्वनाथ पाटिल ने ताल ठोक दी है। वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कोलार के मालुर विधानसभा क्षेत्र से विजय कुमार टिकट के प्रबल दावेदार थे। लेकिन, पार्टी ने फिर एक बार केएस मंजुनाथ गौड़ा पर दांव खेला है। मंजुनाथ पिछली बार चुनाव हार गए थे। अब उन्हें विजय कुमार की बगावत का सामना करना पड़ रहा है।
शेट्टर के बागी को मनाया, गंगाम्बिका भी हटीं
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर को हुब्बल्ली-धारवाड़ (मध्य) से टिकट दिया। इसके खिलाफ कांग्रेस के अल्ताफ कित्तूर ने बगावत कर दी। लेकिन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के हस्तक्षेप से मामला शांत हो गया और उन्होंने नाम वापस ले लिया। इसी तरह बेंगलूरु की पूर्व महापौर गंगाम्बिका मल्लिकार्जुन भी टिकट नहीं मिलने पर चिकपेट से निर्दलीय नामांकन भरी थीं। कांग्रेस ने यहां आरवी देेवराज को उम्मीदवार बनाया है। गंगाम्बिका को तो पार्टी मनाने में सफल रही लेकिन, पार्टी के एक अन्य नेता केजीएफ बाबू मैदान में डटे हुए हैं।
पोते ने कर दी दादा से बगावत
रायचूर के सिंधनूर में पोते ने ही दादा के खिलाफ बगावत कर दी। यहां कांग्रेस ने हम्पनगौड़ा बदरली को टिकट दिया। लेकिन, पोते बसनगौड़ा ने बगावत कर दी। पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बसनगौड़ा को नाम वापस लेने के लिए मनाया। वहीं, हरपनहल्ली विधानसभा क्षेत्र से पूर्व उप मुख्यंत्री एमपी प्रकाश की बेटी लता मल्लिकार्जुन ने बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडऩे का फैसला किया है। कांग्रेस ने यहां एन.कोटरेश को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी लता को समझाने में नाकाम रही।
बेलगावी में तीन सीटों पर कांग्रेस के बागी
कांग्रेस को बेलगावी में तीन विधानसभा क्षेत्रों में बगावत का समाना करना पड़ रहा है। रायबाग से कांग्रेस उम्मीदवार महावीर मोहित के सामने पार्टी के बागी प्रत्याशी शंभू कोल्लालकर चुनौती बन गए हैं। निप्पाणी में कांग्रेस उम्मीदवार काकासाहेब पांडुरंग पाटिल के लिए बागी उम्मीदवार उत्तम पटेल सिरदर्द बन गए हैं। कुडची में कांग्रेस ने महेंद्र तम्मन्नावर को टिकट दिया लेकिन, टिकट के एक अन्य प्रबल दावेदार यलप्पा सिंघे ने बगावत कर दी। वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
मेंगलौर में जद-एक को लगा झटका
जद-एस ने अरसिकेरे में पार्टी उम्मीदवार एन.संतोष के बागी को मना लिया। बीएस येडियूरप्पा के पोते एन.संतोष ने भाजपा छोडक़र जद-एस का दामन थाम लिया था। जब जद-एस ने उन्हें टिकट दिया तो दूसरे दावेदार अशोक ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडऩे का फैसला किया। लेकिन, एचडी रेवण्णा उन्हें मनाने में कामयाब रहे। वहीं, मेंगलौर विधानसभा सीट पर जद-एस को भारी झटका लगा है। यहां से पार्टी उम्मीदवार अल्ताफ कुम्पल ने पार्टी को संज्ञान में लाए बिना अपना नामांकन वापस ले लिया। बाद में उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाया कि जबरन नाम वापसी फार्म पर उनका हस्ताक्षर करा लिया। जद-एस बिना चुनाव लड़े एक सीट हार गई।