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दक्षिण में कर्नाटक भाजपा का प्रवेश द्वार, सत्ता में लौटेगी पार्टी

locationबैंगलोरPublished: Apr 19, 2018 08:06:15 pm

Submitted by:

Sanjay Kumar Kareer

अमित शाह ने कहा कि प्रदेश की जनता राज्य में सिद्धरामय्या सरकार को हटाने के लिए बेताब है और भाजपा का सत्ता में आना शत-प्रतिशत तय है

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बेंगलूरु. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि प्रदेश की जनता राज्य में सिद्धरामय्या सरकार को हटाने के लिए बेताब है और भाजपा का सत्ता में आना शत-प्रतिशत तय है। कर्नाटक दक्षिण में पार्टी के फलने-फूलने का प्रवेश द्वार है। पार्टी के निचले स्तर के कार्यकर्ताओं को इस बार हर हाल में कमल खिलाना है।
शाह बुधवार को यहां पैलेस मैदान में पार्टी के शक्ति केंद्र यानी बूथ स्तर समितियों के प्रमुखों की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के हर कोने में जीत दर्ज करने के बाद अब हमारे लिए दक्षिण भारत ही अछूता है और अगले माह होने वाले चुनाव में जबरदस्त जीत के साथ पार्टी का दक्षिण में पैर पसारने का सपना साकार होगा। भाजपा कर्नाटक में सत्ता के मुहाने पर खड़ी है क्योंकि राज्य के मतदाता कांग्रेस सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए बेताब हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी का नेतृत्व कर रहे बीएस येड्डियूरप्पा अगले मुख्यमंत्री बनने को पूरी तरह तैयार हैं। अब आपको पार्टी की जीत सुनिश्चत करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत है।
शाह ने आरोप लगाया कि राज्य में जब भ्रष्टाचार अपना कुरूप चेहरा दिखा रहा था, मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या निद्रा में थे। वे महंगी घड़ी उपहार में लेने के प्रकरण में भी लिप्त रहे और उन्होंने बेंगलूरु शहर को अपराध नगरी में तब्दील कर दिया। सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण राज्य में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। केंद्र सरकार ने राज्य को अब तक का सबसे अधिक केंद्रीय अनुदान दिया लेकिन राज्य सरकार इस धन का इस्तेमाल कर लोगों विशेषकर किसानों को फायदा पहुंचाने में विफल रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा जैसी पार्टी के लिए बूथ स्तर के पर्यवेक्षकों के प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। जब वे बूथ स्तर के नेताओं से बात करते हैं तो भावुक हो जाते हैं क्योंकि 31 साल पहले वे भी बूथ स्तर के अध्यक्ष थे। अब वे इस महान पार्टी के अध्यक्ष बने हैं। मैं इसकी सारा श्रेय भाजपा को देता हूं जो मेरी मां के समान है।
होसकोटे में किया रोड शो
शाह ने बुधवार की शाम बेंगलूरु ग्रामीण जिले के होसकोटे में रोड शो में हिस्सा लिया जिसमें हजारों की भीड़ जुटी। केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा व होसकोटे से पार्टी के उम्मीदवार व पूर्व मंत्री बीएन बच्चे गौड़ा के पुत्र शरत बच्चे गौड़ा के साथ जब शाह का काफिला वहां से गुजरा तो कार्यकर्ताओं ने नारे लगाकर उनका स्वागत किया। रोड शो के दौरान सुरक्षा के भारी प्रबंध किए गए थे। शाह के होसकोटे में रोड़ शो का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि यह क्षेत्र पड़ोस की के आर पुरम, महादेवपुरा, सीवी रमन नगर, मालूर तथा कोलार से जुड़ा है और यहां पर वोक्कालिगा व रेड्डी समुदाय के लोगों का बाहुल्य है। शाह ने लोगों से पार्टी के पक्ष में मतदान करने की अपील की। इस मौके पर येड्डियूरप्पा के अलावा सदानंद गौड़ा भी शाह के साथ थे।
चिदानंदमूर्ति व सिद्धलिंगय्या से ली सलाह
शाह ने बुधवार को यहां जानेमाने विचारक चिंदानंद मूर्ति तथा कन्नड़ साहित्यकार सिद्धलिंगय्या के घर जाकर भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किए जाने वाले बिंदुओं पर सलाह मशविरा किया और उनके सुझाव लिए। सुझावों को पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। शाह ने दोनों के साथ एक- एक घंंटे तक विचार विमर्श किया।
बुधवार सुबह बसव जयंती पर संत बसवेश्वर की अश्वारूढ़ प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद शाह सीधे हंपीनगर स्थित चिदानंदमूर्ति के निवास पहुंचे और उन्होंने विभिन्न मसलों पर बात की। उन्होंने मूर्ति से अपनी राय जनपरा शक्ति बॉक्स में डालने का अनुरोध किया। इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी.एस. येड्डियूरप्पा भी शाह के साथ थे। डा. मूर्ति कन्नड़ भाषा व प्राचीन कर्नाटक के इतिहास के जानेमाने विद्वान हैं। वे समान नागरिक संहिता तथा धर्मांतरण विरोधी कानून के पक्षधर हैं और चाहते हैं कि भारत सरकार ये कानून बनाकर लागू करे। मूर्ति से भेंट के बाद शाह राज राजेश्वरी नगर स्थित डा. सिद्धलिंगय्या के निवास पहुंचे। उन्होंने वहां भी करीब एक घंटे तक बातचीत की और सुझाव मांगे।
इससे पहले प्रदेश के अपने प्रवास के दौरान शाह ने प्रदेश के अनेक धार्मिक जाति समूहों पर पकड़ रखने वाले मठ प्रमुखों से भेंंट करने के साथ ही एसडीपीआई व पीएफआई के कार्यकर्ताओं के हाथों कथित रूप से मारे गए हिंदु संगठनों के कार्यकर्ताओं के घरों पर जाकर सांत्वना देकर लोगों से भावनात्मक रूप से समर्थन जुटाने का प्रयास किया था। केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार, डी.वी. सदानंद गौड़ा के अलावा बी.एल. संतोष भी शाह के साथ थे।
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