सूत्रों के मुताबिक ताजा राजनीतिक उबाल की पृष्ठभूमि में दो प्रमुख बातें हैं। मुख्यमंत्री बीएस येडिूयरप्पा के अपने बहन के पोते एनआर संतोष को अपना राजनीतिक सचिव नियुक्त किया है जिसपर कई नेताओं की भौंहें तन गई हैं। वहीं मंत्रीपद नहीं मिलने से नाराज चल रहे उमेश कत्ती अपने भाई और पूर्व सांसद रमेश कत्ती को राज्य सभा का उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। वैसे तो बाजरे की रोटी उत्तर कर्नाटक का प्रचलित आहार है लेकिन बेलगावी के दिग्गज नेता उमेश कत्ती के आवास पर हुई ‘रोटी पार्टी’ ने असाधारण राजनीतिक हालात के संकेत दिए। गुरुवार को खाने की मेज पर उत्तर कर्नाटक के लगभग 20 विधायकों की मौजूदगी से सत्तारूढ़ खेमे में सुगबुगाहट तेज हो गई। सूत्रों के मतुाबिक गुरुवार शाम हुई बैठक में अपने विवादास्पद बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले विधायक बसवनगौड़ा पाटिल यतनाल, शिवराज पाटिल, राजू गौड़ा, सिद्दू सवदी सहित कई नेता मौजूद थे।
बैठक के बाद बसवगनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कहा कि यह पार्टी नेतृत्व के खिलाफ कोई षड्यंत्र नहीं है लेकिन इतना जरूर संकेत दिया पार्टी के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है। हालांकि, उमेश कत्ती ने कहा कि उनके आवास पर यह एक सप्ताह के भीतर दूसरी बैठक थी। उन्होंने यह भी कहा ‘हम पार्टी के जिम्मेदार विधायक हैं। हम यह जानते हैं कि यह समय इस तरह की राजनीति का नहीं है।’ लेकिन, अपने विचार खुलकर व्यक्त करने के लिए मशहूर यतनाल ने कहा कि वे सभी बातें सार्वजनिक रूप से नहीं कह सकते।
उन्होंने कहा ‘हम असंतुष्ट हैं या नहीं, इस बात की चर्चा पार्टी मंच पर करेंगे। जहां तक रोटी का सवाल है तो यह उत्तर कर्नाटक के लोगों को यह दैनिक आहार है। हम बहुत दिन से नहीं मिले थे इसलिए कत्ती के घर गए। वहां हमने रोटी खाई और साथ ही रत्नागिरी आम भी। इस दौरान हमने कुछ अनौपचारिक बातें भी की।’ उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व का ‘सख्त’ और भाजपा को ‘अनुशासित’ पार्टी बताते हुए कहा कि वे ना तो सरकार को खतरे में डालेंगे और ना ही सरकार गिराने का कोई प्रयास करेंगे। सभी विधायक चाहते हैं कि येडियूरप्पा अच्छे से और पारदर्शी तरीके से चले।