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बैंगलोर

कर्नाटक का बजट : इजराइल से सीख, चीन को चुनौती

कलबुर्गी, चित्रदुर्गा, कोप्पल, बल्लारी, मैसूरु, हासन, चिकबल्लापुर, तुमकूरु व बीदर में अलग-अलग क्षेत्रों के लिए स्थापित होंगे औद्योगिक क्लस्टर

बैंगलोरJul 06, 2018 / 08:42 pm

कुमार जीवेन्द्र झा

ktk assembly

कर्नाटक का बजट : इजराइल से सीख, चीन को चुनौती

बेंगलूरु. पहली बार बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने इजराइल से कृषि और सिंचाई क्षेत्र में सीखने और विनिर्माण क्षेत्र में चीन को चुनौती देने के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा की।
कुमारस्वामी ने बजट भाषण में उद्योग और वाणिज्य जगत के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलते हुए उनके सामने चीन से मुकाबले की चुनौती पेश की।
उन्होंने कहा, दुनिया के हर क्षेत्र की विविध जरूरतों और मांग को पूरा करने के लिए चीन ने संगठित रूप से अपना औद्योगिक ढांचा तैयार किया है। चीन से औद्योगिक प्रतिस्पर्धा करने के लिए मैं राज्य के उद्योग जगत के समक्ष ‘चीन से मुकाबला करेंÓ की योजना ला रहा हूं। यह योजना हर क्षेत्र के लिए है जो खिलौनों से लेकर टाइल्स और एलइडी बल्ब से लेकर आइसी चिप निर्माण तक में होगी। कुमारस्वामी ने राज्य के कोलार, चित्रदुर्गा, कोप्पल, कारवार, तुमकूरु, हावेरी तथा गदग जिलों में पहले चरण में 5 हजार हेक्टेयर शुष्क कृषि भूमि में इजरायल जैसी सिंचाई सुविधा के लिए 150 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा। कुमारस्वामी ने कहा कि वे हाल ही में इजराइल के दौरे पर गए थे और वहां कृषि और सिंचाई के लिए अपनाई जाने वाली पद्धति से काफी प्रभावित हुए।
कुमारस्वामी के आह्वान को लेकर उद्योग जगत ने सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिली। हालांकि, उद्योग जगत इस का दर्द बयां करने में भी पीछे नहीं रहा कि यह सिर्फ सीमित प्रभाव वाली कोशिश की साबित होगी क्योंकि डीजल-पेट्रोल कीमतों व बिजली के दरों में वृद्धि से लागत बढ़ जाएगा। उद्योग जगत ने बेहतर ढांचागत सुविधाओं की कमी को भी इस लक्ष्य में एक रोड़ा बताया और इसे युद्धस्तर पर दूर करने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने बजट में ‘चीन से प्रतिस्पर्धाÓ नीति की घोषणा करते हुए कहा कि इसके तहत सफल उद्यमियों के नेतृत्व में कार्यक्रम मिशन इकाईयां स्थापित की जाएगी। बाजार में चीन से मुकबाला करने के लिए गांवों में सामानों और कल-पुर्जों का उत्पादन होगा जबकि तालुक स्तर पर उनकी असेम्बिलिंग होगी। इन उत्पादों के विपणन के लिए मॉल खोले जाएंगे। इसके लिए प्लग एंड प्ले औद्योगिक शेड भी स्थापित किए जाएंगे। कुशल मानव संसाधन की कमी को दूर करने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इसके लिए व्यापक योजना तैयार की है। सौर ऊर्जा की बढती मांग को पूरा करने के लिए सौर उपकरणों के संयंत्र कलबुर्गी जिले में लगेंगे और कलबुर्गी को भारत के सौर जिले के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी प्रकार देश की मौजूदा ४६००० करोड़ रुपए के लाइट उद्योग को ध्यान में रखकर चित्रदुर्गा में एलइडी लाइट उत्पादन संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। चीन निर्मित नल एवं टाइल्स, सैनेटरी उत्पादन को चुनौती देने के लिए हासन जिले को इन उत्पादों के निर्माण के लिए विकसित किया जाएगा।
देश में लोकप्रिय अत्याधुनिक और स्वचालित खिलौने की मांग को पूरा करने के लिए कोप्पल जिले को खिलौना विनिर्माण क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी प्रकार मैसूरु जिले को आइसीबी चिप निर्माण केन्द्र के रूप में उन्नत किया जाएगा ताकि दुनिया के ८० प्रतिशत आइसीबी चिप का निर्माण कर रहे ताइवान को चुनौती दी जाए। बल्लारी में पहले से ही कई टेक्सटाइल उद्योग हैं और अब बल्लारी में इस क्षेत्र के उद्योगों की संख्या में इजाफा किया जाएगा ताकि यह टेक्सटाइल क्षेत्र में पूरी दुनिया में जाना जाए।
कुमारस्वामी ने कहा कि पूरी दुनिया में मोबाइल फोन का कारोबार ५ लाख करोड़ रुपए का है लेकिन भारत सहित पूरी दुनिया में चीन निर्मित मोबाइल आते हैं। राज्य के चिक्कबालापुर में मोबाइल फोन उपकरणों के उद्योग स्थापित किए जाएंगे।
खेल एवं स्वास्थ्य : तुमकूरु में खेल उद्योगों की स्थापना होगी। २३ खेलों को ध्यान में रखकर तुमकूरु में २००० करोड़ का निवेश प्रस्तावित है जिससे एक लाख रोजगार पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि भारत को गांवों और कृषि का देश कहा जाता है। देश की कृषि उपकरणों की मांग को पूरा करने के लिए बीदर जिले में २००० करोड़ रुपए का निवेश होगा।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त परियोजना को लागू करने के लिए छह महीने से दो वर्ष का समय निर्धारित किया गया है।
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