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कर्नाटक में मंत्रिमंडल के गठन का रास्ता साफ, येडियूरप्पा को झटका, विजयेंद्र को जगह नहीं

locationबैंगलोरPublished: Aug 04, 2021 12:41:10 pm

Submitted by:

Jeevendra Jha

29 मंत्री आज दोपहर 2.15 बजे लेंगे शपथकोई उपमुख्यमंत्री नहीं, 4 पद रहेंगे रिक्त

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बेंगलूरु. एक सप्ताह के इंतजार के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को सहयोगी मंत्रियों की टीम मिल जाएगी। स्वीकार्य फार्मूले की तलाश में कई दौर की बैठकों के बाद भाजपा आलाकमान ने मंगलवार रात मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी दे दी थी। तीन दिन के दिल्ली दौरे के बाद जब बोम्मई बुधवार सुबह बेंगलूरु लौटे तो उनके पास नए मंत्रियों की सूची थी। हालांकि, आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा को झटका देते हुए उनके बेटे और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को मंत्रिमंडल में शामिल करने की अनुमति नहीं दी। विजयेंद्र को मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर अंतिम समय तक संशय बना रहा। आलाकमान की ओर से मंजूर सूची में विजयेंद्र का नाम शामिल नहीं है।
बताया जाता है कि विजयेंंद्र को शामिल करने को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच एक राय नहीं बनी। सूत्रों के मुताबिक बोम्मई और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह विजयेंद्र को मंत्रिमंडल मेंं लिए जाने के पक्ष में थे जबकि पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष इसके पक्ष में नहीं थे। संतोष का कहना था कि यह परिवारवाद को लेकर पार्टी के रूख के खिलाफ होगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी संतोष के रूख से सहमति जताई। नड्डा का कहना था कि इससे गलत संदेश जाएगा। पार्टी नेताओं का कहना था कि इससे सत्ता के दो केंद्र बन सकते हैं और विपक्ष को भी हमला करने का मौका मिल जाएगा।
विजयेंद्र के मसले को लेकर उलझन के कारण बोम्मई को मंगलवार शाम दो बार बेंगलूरु के लिए रवानगी का समय बदलना पड़ा और देर रात यह तय होने के बाद कि विजयेंद्र को मंत्रिमंडल में नहीं लिया जाएगा और नए मंत्रियों की संख्या 30 से कम रहेगी, बोम्मई बेंगलूरु के लिए रवाना हुए। हालांकि, बोम्मई ने दिल्ली में देर रात पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि 22-25 मंत्री शामिल किए जाएंगे और आलाकमान उन्हें बुधवार सुबह अंतिम सूची भेजेगा। आलाकमान इसे लेकर येडियूरप्पा से भी चर्चा करना चाहता है। बोम्मई ने माना था कि उपमुख्यमंत्री पदों को लेकर अलग-अलग विचार थे। विजयेंंद्र के मसले को लेकर आलाकमान ने येडियूरप्पा से बात की। बताया जाता है कि विजयेंद्र को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का भरोसा दिया गया है।
बोम्मई ने बेंगलूरु पहुंचने के बाद कहा कि आलाकमान ने मंत्रियों की सूची को मंजूरी दे दी है। तीन दिन तक विचार-विमर्श के दौरान हर पहलू पर चर्चा हुई। मंत्रिमंडल में नए के साथ ही अनुभवी चेहरो भी होंगे। विस्तार दो चरणों में होगा। पहले विस्तार में 29 मंत्रियों को शामिल किया जाएगा, जिन्हें बुधवार दोपहर 2.15 बजे राजभवन के ग्लास हाउस में आयोजित समारोह में राज्यपाल थावरचंद गहलोत पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। बोम्मई ने कहा कि मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री का पद नहीं होगा और विजयेंद्र का नाम भी नए मंत्रियों की सूची में नहीं है। बताया जाता है कि बोम्मई उपमुख्यमंत्री पद के पक्ष में नहीं थे। हालांकि, पार्टी के कुछ नेता 21 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए जातीय समीकरणों को साधने के लिए ऐसा करने के पक्ष में थे।
असंतुष्टों को जगह नहीं
पार्टी सूत्रों के मुताबिक येडियूरपा सरकार के समय मुखर रहे नेताओं को सूची में जगह नहीं मिल पाई। येडियूरप्पा के खिलाफ सबसे मुखर रहे विजयपुर के विधायक बसवन गौड़ा पाटिल यत्नाल, धारवाड़ पश्चिम के विधायक अरविंद बेल्लद, पूर्व मंत्री सी पी योगेश्वर को भी जगह नहीं मिल पाई है। बेल्लद का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए भी चर्चा में था।
चुनावी समीकरणों पर नजर
बोम्मई ने कहा कि मंत्रियों का चयन 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए किया गया है। नए मंत्रियों में सबसे अधिक आठ लिंगायत समुदाय सें होंगे। येडियूरप्पा की तरह बोम्मई भी इसी समुदाय से आते हैं, जिसमें भाजपा की अच्छी पकड़ मानी जाती है। इसके बाद वोक्कालिगा और अन्य पिछड़ा वर्ग से 7-7 और तीन अनुसूचित जाति, एक अनुसूचित जनजाति और बाकी अन्य वर्गों के होंगे। एक महिला को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।

चार पद रहेंगे रिक्त
राज्य में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं। बुधवार के विस्तार के बाद मंत्री परिषद के सदस्यों की संख्या बढ़कर 30 हो जाएगी और चार पद रिक्त रहेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कुछ पद रिक्त रखकर आलाकमान असंतोष से निपटने की रणनीति पर काम कर रहा है। पिछली येडियूरप्पा सरकार में तीन बार विस्तार के बावजूद भी एक पद रिक्त रखा गया था। गौरतलब है कि आलाकमान के बुलावे पर एक अगस्त की रात बोम्मई दिल्ली पहुंचे थे। येडियूरप्पा के त्याग पत्र देने के दो दिन बाद बोम्मई ने 28 जुलाई को अकेले शपथ ली थी। अभी वे मंत्रिमंडल के एकमात्र सदस्य हैं।

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