मुख्यमंत्री बी.एस. येडियूरप्पा ने रविवार को यहां आवासीय कार्यालय कृष्णा में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के साथ ही विस्तार को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर विराम लग गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हाल में उपचुनाव जीतने वाले 11 में से 10 जनों को मंत्री बनाया जाएगा और पार्टी के वरिष्ठ विधायकों सहित कुल 13 जनों को मंत्री बनाया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि मंत्रिमंडल का विस्तार होगा या पुनर्गठन, इस पर उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब देने के बजाय यही कहा कि इस बारे में फिलहाल अंतिम निर्णय नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा के उपचुनाव में जीते भाजपा के 12 विधायकों में से 11 अयोग्य ठहराए विधायक चुनाव जीते हैं जिनमें से 10 को मंत्री बनाने का निर्णय किया गया है। मुख्यमंत्री ने मंत्रिपद से वंचित रखे जाने वाले सदस्य के नाम का खुलासा नहीं किया।
मंत्रिमंडल में बेलगावी जिलों का प्रतिनिधित्व बढ़ जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा करना अनिवार्य हो गया है। उनको मुख्यमंत्री बनवाने व राज्य में भाजपा की सरकार को सत्ता में लाने के लिए जिम्मेदार रहे चुनाव जीते विधायकों को मंत्री बनाना ही होगा और हमें पूर्व में किए वादे को निभाना है। वादा खिलाफी करने का सवाल ही नहीं उठता है। उपचुनाव में हारे एच. विश्वनाथ को मंत्री पद देने की जिद पर अड़े रहने की तरफ ध्यान दिलाने पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हारे हुए उम्मीदवारों को मंत्री नहीं बनाया जा सकता। इस तरह मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि विश्वनाथ व एमटीबी नागराज में से किसी को मंत्री नहीं बनाया जाएगा।
आर. शंकर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शंकर के साथ किए वादे से मुकरने का सवाल नहीं उठता है। आने वाले समय में उनको विधान परिषद की सदस्यता दिलाकर मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 17 फरवरी से विधानमंडल का सत्र शुरू होने जा रहा है लिहाजा उससे पहले मंत्रिमंडल का विस्तार कर लेने की तारीख तय की गई है। इस मौके पर रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी, सांसद पी.सी. मोहन तेजस्वी सूर्या, राजस्व मंत्री आर.अशोक सहित अन्य मौजूद थे।