बैंगलोर

कर्नाटक : डेल्टा प्लस वेरिएंट का एक और मामला मिला

राज्य सरकार नए वेरिएंट्स पर निगरानी बनाए हुए है

बैंगलोरJun 24, 2021 / 02:48 pm

Nikhil Kumar

बेंगलूरु. राज्य में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट का एक और मामला सामने आया है। गत 48 घंटे में कोविड के तीन मरीजों के नमूनों में इस नए वेरिंएट की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने मंगलवार को दो मामले सामने आने की बात कही थी। हालांकि, इनमें से एक नमूना तमिलनाडु और दूसरा मैसूरु से है जबकि बुधवार को जिस कोविड मरीज के नमूने में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि हुई वह बेंगलूरु से है। मंत्री के अनुसार राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के दो ही मामले सामने आए हैं। बेंगलूरु के नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस) में तीनों नमूनों की जेनेटिक सीक्वेंसिंग (आनुवांशिक अनुक्रमण) हुई।

डॉ. सुधाकर ने बताया कि राज्य सरकार नए वेरिएंट्स पर निगरानी बनाए हुए है। जेनेटिक सीक्वेंसिंग बढ़ाने के लिए सरकार राज्य में छह जीनोम लैब स्थापित करेगी। उन्होंने कहा, ‘हमें जहां भी संदेह होता है, हम जेनेटिक सीक्वेंसिंग कर रहे हैं। हम जांचे गए कुल नमूनों में से पांच फीसदी की रैंडम जांच कर रहे हैं। सरकार उन सभी जिलों में वैक्सीन भेज रही है जहां डेल्टा प्लस वेरिएंट्स का संदेह है।’

जेनेटिक सीक्वेंसिंग व निगरानी के लिए गठित कोविड समिति के सदस्य डॉ. यू. एस. विशाल राव के अुनसार डेल्टा प्लस वेरिएंट के ज्यादा खतरनाक या संक्रामक होने के प्रमाण नहीं हैं। हालांकि, पुराने और नए स्ट्रेन के साथ होने से वायरस पहले से ज्यादा मजबूत और आक्रामक हो जाता है।

डॉ. राव ने कहा कि रियल टाइम जेनेटिक सीक्वेंसिंग की जरूरत है। अन्य वेरिएंट्स की तुलना में डेल्टा वेरिएंट 50 फीसदी ज्यादा संक्रामक और 60 फीसदी ज्यादा खतरनाक है। डेल्टा वेरिएंट म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस में बदल गया। देश में अब तक कोरोना वायरस के 8,572 वेरिएंट मिले हैं। कौन सा वेरिएंट कितना खतरनाक होगा, यह कह पाना मुश्किल है। डेल्टा प्लस वेरिएंट अपने आप समाप्त हो सकता है या फिर म्यूटेंट होकर किसी और वेरिएंट में भी बदल सकता है।

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