गत वर्ष इस अस्पताल में तकरीबन हर माह 400 प्रसव हुए। अक्टूबर में कोविड पॉजिटिव 800 महिलाएं मां बनी थीं। दक्षिण कन्नड़, उडुपी, हासन, शिवमोग्गा, कोडुगू आदि जिलों से बड़ी संख्या में मरीज इस 167 वर्ष पुराने अस्पताल में पहुंचती हैं। कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज (केएमसी) के चिकित्सकों की देखरेख में अस्पताल का संचालन होता है।
केएमसी में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विद्याश्री कामत ने बताया कि कुछ मामलों में मां से शिशु संक्रमित हुए हैं। कुछ मामलों में गर्भपात भी हुआ है। लेकिन, कोविड ही इसका कारण यह कहना मुश्किल है। किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले गहण शोध की जरूरत है। इतना जरूर है कि कोरोना गर्भवती महिलाओं में चिंता, अवसाद, तनाव व घबराहट आदि का कारण बन रहा है।