एडीजीपी ने जताई चिंता
बेंगलूरु के पूर्व पुलिस आयुक्त व मौजूदा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेलवे) भास्कर राव (ADGP Bhaskar Rao) ने 23 फरवरी के अपने एक ट्वीट में इस पर चिंता व्यक्ति की है। उन्होंने लिखा, युवाओं को ईयरफोन लगाकर रेलवे टैक के आसपास चलने या इसे पार करने के खिलाफ जागरूक करने के लिए सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) लगातार प्रयास कर रही है। छोटे रेलवे स्टेशनों के आसपास जीआरपी ने ट्रैकों पर गश्त तेज की है। अतीत में कर्नाटक सहित देश के विभिन्न हिस्सों में ट्रेन से लोगों के कुचले जाने के मामले सामने आए हैं। हर जीवन अमूल्य है।
आंखें खोलने वाले कुछ हादसे
- 04 दिसंबर, 2015 को सुरतकल के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का छात्र चेतन (20) परीक्षा समाप्त होने के बाद अपने दो दोस्तों के साथ रेलवे ट्रैक पर चल रहा था। चेतन कान में ईयरफोन लगाकर गाना सुन रहा था। पीछे से तेज रफ्तार में आ रही ट्रेन से कटकर उसकी मौत हो गई। उसके दोनों दोस्त बिना ईयरफोन के थे। लेकिन, चेतन उनसे आगे चल रहा था। ट्रेन को देख दोस्त चिल्लाए, उसे बचाने की कोशिश की। लेकिन, चेतन उनकी आवाज नहीं सुन पाया था।
- 01 अक्टूबर, 2016 को मेंगलूरु में ईयरफोन लगाकर रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान एक 23 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर को ट्रेन ने पीछे से टक्कर मार दी। मौके पर ही मौत हो गई थी।
- 20 अक्टूबर, 2019 को 19 वर्षीय अरशद, इयरफोन पहने हुए बेंगलूरु पूर्व के कॉक्स टाउन के पास जीवनहल्ली में रेलवे ट्रैक पार कर रहा था। उसे ट्रेन आने की भनक तक नहीं लगी और ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई थी।
कानूनी तौर पर भी अपराध
रेल की पटरियों पर चलना या पार करना कानूनन अपराध है। रेलवे अधिनियम की धारा 147 के तहत रेल की पटरियां पार करने पर व्यक्ति को पकड़ा जा सकता है। ऐसा करते हुए पाए जाने पर व्यक्ति को 06 महीने तक की सजा हो सकती है। वहीं 1000 रुपए तक जुर्माने का भी प्रावधान है।