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पाठ्य पुस्तक में बना रहेगा टीपू सुल्तान का इतिहास

locationबैंगलोरPublished: Jan 20, 2020 08:56:36 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

अब टीपू के नकारात्मक पहलुओं को शामिल करने पर भी विचार, टीपू के नकारात्मक चेहरे के बारे में पढ़ाए जाने पर फैसला करेगी व्यापक समिति

पाठ्य पुस्तक में बना रहेगा टीपू सुल्तान का इतिहास

पाठ्य पुस्तक में बना रहेगा टीपू सुल्तान का इतिहास

बेंगलूरु.

स्कूली पाठ्य पुस्तको में टीपू सुल्तान से संबंधित सामग्री बनाए रखने या हटाए जाने की बजाय राज्य सरकार अब पूर्व मैसूरु राजा के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं के बारे में स्कूली बच्चों को पढ़ाने पर विचार कर रही है। इतना तय हो गया है कि वर्ष 2020-2021 शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्य पुस्तकों में कोई बदलाव नहीं होगा।
यहां सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस.सुरेश कुमार ने कहा कि आगामी शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्य पुस्तकों (टेक्स्ट बुक) में कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन, भविष्य में बदलावों को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक समिति गठित करने का फैसला किया गया है। यह समिति टीपू सुल्तान के नकारात्मक चेहरे को भी दिखाने और पढ़ाने पर फैसला करेगी।
टेक्स्ट बुक में टीपू सुल्तान के दूसरे पक्ष से संबंधित सामग्री को जोडऩे के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए सुरेश कुमार ने कहा कि विधायक अप्पाचु रंजन ने टीपू के नकारात्मक पहलू को दर्शाने वाले कई दस्तावेज जमा कराए थे। इनमें टीपू सुल्तान के शासनकाल के दौरान मेलकोटे, चित्रदुर्गा और कूर्ग (कोडुगू) में हुई घटनाओं से जुड़े कई दस्तावेज हैं। इन सभी मुद्दों का अध्ययन करने और यह तय करने के लिए कि क्या टीपू सुल्तान सिर्फ एक नायक हैं एक और समिति का गठन किया जा रहा है।
राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद भाजपा विधायक अप्पाचु रंजन ने मंत्री सुरेश कुमार से भेंट की थी और एक प्रेजेंटेशन देते हुए स्कूली पाठ्य पुस्तकों से टीपू सुल्तान से जुड़ी सामग्री हटाने की मांग की थी। उनकी इस मांग को न सिर्फ भाजपा विधायकों और सांसदों का समर्थन मिला बल्कि मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा भी उससे सहमत नजर आए। मंत्री के निर्देशों के बाद राज्य टेक्सट बुक सोसायटी ने अप्पाचु रंजन और इतिहास की पाठ्य पुस्तक तैयार करने वाले विषय के विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी। समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं करने की सिफारिश की गई।
सुरेश कुमार ने कहा कि ‘विशेषज्ञ समिति ने मुझसे चर्चा की है और इस विषय पर एक व्यापक समिति गठित करने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि पाठ्य पुस्तकों लिए तैयार की गई सामग्री इतिहास पर आधारित है। गौरतलब है कि अप्पाचु रंजन की विभिन्न मांगों में से एक मांग यह भी थी कि टीपू सुल्तान के नकारात्मक पहलुओं के बारे में भी स्कूली बच्चों को पढ़ाया जाए। विषय विशेषज्ञों के साथ बैठक के दौरान भी अप्पाचु रंजन ने सरकार से टीपू को महिमामंडित करने वाली सामग्री को हटाने या उनके नकारात्मक चेहरे के बारे में सामग्री शामिल करने की मांग की थी।

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