कर्नाटक के बागियों की मुश्किल: अगर कोर्ट से राहत मिली तो जीत की चिंता
बैंगलोरPublished: Nov 13, 2019 01:05:03 am
राज्य में अयोग्य ठहराए गए पूर्व विधायकों को टिकट देने को लेकर भाजपा को नेताओं व कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है
बेंगलूरु. एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के पतन के लिए कारक बने कांग्रेस और जद-एस के बागी विधायकों को उम्मीद थी कि अगर शीर्ष अदालत का फैसला उनके पक्ष में आता है तो भाजपा लहर के सहारे आसानी से उपचुनाव जीत जाएंगे और उन्हें बीएस येडियूरप्पा सरकार में जगह मिल जाएगी। लेकिन, हाल के चुनाव परिणामों ने पाला बदलने वाले पूर्व विधायकों की पेशानी पर बल बढ़ा दिए हैं। इनमें से अधिकांश नेताओं का मानना था कि भाजपा का दामन थामने के बाद उनकी जीत आसानी से हो जाएगी लेकिन अब उनकी चिंता बढ़ गई है।
पाला बदलने के कारण कांग्रेस और जद-एस भी इन नेताओं को उपचुनाव में घेरने की तैयारी कर रही है। दूसरी तरफ, महाराष्ट्र और हरियाणा के परिणाम से ये नेता परेशान भी हैं। इन नेताओं का मानना था कि केंद्र व राज्य में भाजपा के सत्ता में होने के कारण उन्हें चुनाव जीतने में मुश्किल नहीं होगी लेकिन ताजा चुनावों में दल-बदल करने वाले नेताओं की हार के कारण ये नेता परेशान हैं। महाराष्ट्र और हरियाणा मेें दल-बदल कर भाजपा के टिकट पर चुनाव लडऩे वाले नेताओं को पार्टी के अंदर असंतोष का भी सामना करना पड़ा। राज्य में अयोग्य ठहराए गए पूर्व विधायकों को टिकट देने को लेकर भाजपा को नेताओं व कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल के विधानसभा चुनाव में हारने वाले भाजपा के उम्मीदवार भी बाहरी नेताओं को टिकट देने का विरोध कर रहे हैं। इनमें से कुछ नेताओं को निगम-बोर्डों में भी नियुक्त किया गया है, इसके बावजूद उपचुनाव में भितरघात का खतरा बना रहेगा। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि भले ही दूसरे राज्यों के परिणाम का राज्य में असर नहीं पड़े लेकिन इतना साफ है कि जनता दल-बदल करने वाले नेताओं को खारिज कर रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी एस उग्रप्पा ने कहा कि एक दशक पहले ऑपरेशन कमल में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले नेता अब राजनीति में कहां हैं? वे नेता उपचुनाव में तो जीते लेकिन बाद में हाशिए पर चले गए। हालांकि, अयोग्य ठहराए गए पूर्व विधायकों को भरोसा है कि वे उपचुनाव होने की स्थिति में भी जीत कर दुबारा सदन पहुंचेंगे। अयोग्य ठहराए गए एक पूर्व विधायक ने कहा कि अयोग्यता पर अदालत का फैसला जो भी लेकिन अगर उपचुनाव लडऩे की स्थिति बनती है तो क्षेत्र में कराए गए कामों के आधार पर उन्हें अपनी जीत का भरोसा है। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी पार्टी में रहा, जनता के लिए काम किया।