अभिभावकों के अनुसार स्कूल संचालक हर उस सुविधा के लिए भी फीस वसूलने पर दबाव बना रहे हैं जिसका इस्तेमाल बच्चों ने किया ही नहीं है। अतिरिक्त शुल्क के भुगतान के नाम पर बच्चों और अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है।
डीपीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी माना कि कई स्कूल अतिरिक्त शुल्क वसूल रहे हैं जो सही नहीं है। विभाग वर्ग के अनुसार फीसों को भी सूचीबद्ध करेगा। इसके बाहर स्कूल फीस नहीं वसूल सकेंगे।
इस बीच प्रदेश बोर्ड के निजी स्कूलों के एक वर्ग ने फीस में 25 फीसदी की कटौती करने का फैसला किया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध कुछ स्कूलों ने भी कुछ अभिभावकों के लिए फीस माफ करने का फैसला किया है। कोरोना महामारी के कारण कई अभिभावक वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं। कइयों की नौकरी चली गई हो तो कईयों को वेतन कटौती का सामना करना पड़ रहा है।