अधिकारियों के अनुसार दूसरी कक्षा की एक छात्रा के पिता ने बुधवार को शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर घटना की जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि वे ब्राह्मण समुदाय से हैं और शिक्षक की इस हरकत से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने आरोपी शिक्षक व स्कूल के प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने पहले से ही स्कूल प्रशासन को परिवार के सख्त शाकाहारी होने की जानकारी दे रखी है। बावजूद इसके उनकी बेटी को जबरदस्ती अंडा खिलाया गया।
शिवमोग्गा लोक शिक्षण विभाग के उप निदेशक परमेश्वरप्पा सी. आर. ने कहा, विभाग ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है, लेकिन प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार बच्ची के साथ कोई जबरदस्ती नहीं की गई थी। बावजूद इसके हम ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित शिक्षक के खिलाफ गंभीर कार्रवाई करेंगे।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का दौरा
शिकायत के आधार पर मध्याह्न भोजन अटेंडर के साथ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने गुरुवार को स्कूल का दौरा किया और संबंधितों से पूछताछ की। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार अंडा खाने के लिए बच्ची के साथ किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती नहीं की गई है। घटना मध्याह्न भोजन के समय घटी। विद्यार्थियों का एक समूह भोजन के लिए कतार में बैठा था। संबंधित शिक्षक ने अंडा खाने वाले बच्चों से जब हाथ उठाने के लिए कहा तब बच्ची ने भी हाथ उठाकर हामी भरी। बच्ची या किसी भी अन्य छात्र को अंडा खाने के लिए मजबूर नहीं किया गया।