राममूर्ति ने पिछले सप्ताह ही राज्य सभा की सदस्यता व कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दिया था। ६७ वर्षीय पूर्व आईपीएस अधिकारी राममूर्ति 1 जुलाई 2016 को राज्यसभा के लिए चुने गए थे और उनका कार्यकाल 30 जून 2022 तक का था। सूत्रों के अनुसार राममूर्ति के त्यागपत्र देने से रिक्त हुई राज्यसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा उनको चुनाव में उतार सकती है। राममूर्ति के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने से राज्य सभा में कांग्रेस की स्थिति और ज्यादा कमजोर हो गयी है।
पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वे भाजपा के विकास एजेंडे से प्रभावित हैं और देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए वे भाजपा में शामिल हुए हैं।