शुक्रवार को अपने दौरे में मंत्री ने कहा उन्हें सूचना मिली है कि इलाके में चार बाघ देखे गए हैं। वे दक्षिण कोडुगू में बढ़ते हाथियों के हमले और बाघों के खतरे से अवगत हैं।
उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि जंगली हाथियों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए रेलवे बैरिकेड्स, सोलर फेंस और हाथियों की खाइयों की स्थापना सहित कई परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। राज्य सरकार बाघों की समस्या हल करने को जिले के लोगों से सुझाव लेने तैयार है।
सांत्वना देकर सौंपा चेक
इसके बाद मंत्री मारे गए मजदूर गणेश के घर पहुंचे। उसके परिजनों को सांत्वना दी और साढ़े पांच लाख रुपए के मुआवजे का चेक सौंपा। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार गणेश की मां और पत्नी को विधवा पेंशन जारी करेगी और पीडि़त के बच्चे की शिक्षा का खर्च वहन करेगी।
दौरा रद्द होने पर नाराजगी
मंत्री ने बाद में मडिकेरी के अरण्य भवन में जनता के साथ बैठक में भाग लिया। हालांकि, थिथिमठी गांव के आदिवासी गिरिजाना समुदाय ने गांव का दौरा रद्द करने के बाद नाराजगी व्यक्त की। समुदाय के सदस्यों ने शुक्रवार को मंत्री को ज्ञापन सौंपने की भी तैयारी की थी। लेकिन, मंत्री ने बस्ती का दौरा नहीं किया और मडिकेरी लौट आए, जिससे जनजातियों में असंतोष पैदा हो गया। इस बीच पोन्नमपेट फॉरेस्ट्री कॉलेज के छात्रों ने मंत्री से मुलाकात कर वन विभाग के आरएफओ पदों पर वानिकी छात्रों के लिए शत-प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा ।