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आर्थिक गतिविधियों के साथ बढ़ी कर्नाटक सरकार की झोली

locationबैंगलोरPublished: Sep 18, 2021 11:17:38 am

Submitted by:

Rajeev Mishra

चालू वित्तीय वर्ष के पहले 5 महीनों में 43 फीसदी बढ़ा कर राजस्व

आर्थिक गतिविधियों के साथ बढ़ी कर्नाटक सरकार की झोली

आर्थिक गतिविधियों के साथ बढ़ी कर्नाटक सरकार की झोली

बेंगलूरु.
कोरोना के मामलों में कमी आने और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने से राज्य सरकार के कर राजस्व में काफी सुधार हुआ है। चालू वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों में सरकार का कर राजस्व लगभग 43 फीसदी बढ़ा है।
दरअसल, वित्तीय वर्ष 2020-21 की शुरुआत से ही लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लग गई थीं। इसके चलते आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गईं। लेकिन, चालू वित्तीय वर्ष में काफी राहत रही और अब काफी हद तक कोरोना पाबंदियां हट गई हैं। इससे चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (अप्रेल-जून) में राज्य सरकार का कर राजस्व 23 हजार 177 करोड़ रुपए रहा। यह गत वित्तीय वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 58 फीसदी अधिक है। इस दौरान वाणिज्यिक कर में 61 फीसदी और स्टाम्प पंजीकरण में 65 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
पहली तिमाही में 58 फीसदी उछाल
जुलाई और अगस्त माह में राज्य सरकार को 20 हजार 266 करोड़ की आय हुई जिससे पिछले पांच महीने का कुल कर राजस्व 43 हजार करोड़ रुपए से अधिक पहुंच गया। यह गत वित्तीय वर्ष के प्रथम पांच महीने के कर राजस्व से 43 फीसदी अधिक है। गत वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीने के दौरान सरकार की आय 30 हजार 429 करोड़ रुपए रही थी। इस अवधि में गैर कर राजस्व 3 हजार 922 करोड़ रुपए रहा जो कि गत वित्तीय वर्ष की समान अवधि से 103 फीसदी अधिक है।
श्रमिकों और कच्चे माल की कमी
फिक्की में राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य जे क्रास्टा ने कहा कि कुल मिलाकर आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकडऩे लगी हैं। लेकिन, एमएसएमइ को अभी भी सरकारी बैंकों से पर्याप्त ऋण नहीं मिल पा रहा है। श्रमिकों और कच्चे माल की कमी से कंपनियां जूझ रही हैं। उन्होंने कहा कि अगली तिमाही और बेहतर होने की उम्मीद है लेकिन, यह भी आशा है कि कोरोना की तीसरी लहर का असर नहीं हो।
पांच महीने में 43 हजार 443 करोड़ कर राजस्व
उधर, राज्य सरकार के वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस साल सरकार की आय निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप है। राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में अपने स्रोतों से 1.1 लाख करोड़ कर राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है। पांच महीने पूरे हुए हैं और अभी तक 43 हजार 443 करोड़ की आय हो चुकी हुई है। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि सरकार ने वाणिज्यिक कर से आय का जो लक्ष्य रखा था उसका 41 फीसदी हासिल किया जा चुका है जबकि आबकारी कर से आय का 41.5 फीसदी लक्ष्य पूरा हो चुका है। मोटर वाहन से होने वाली आय लक्ष्य का 29 फीसदी तथा स्टाम्प एवं पंजीकरण से होने वाली आय लक्ष्य का 36 फीसदी है।
लक्ष्य पूरा होने का भरोसा
चालू वित्तीय वर्ष के दौरान गैर कर राजस्व का लक्ष्य 8 हजार 258 करोड़ है और लक्ष्य का 47.5 फीसदी हासिल किया जा चुका है। सरकार को भरोसा है कि मार्च तक यह लक्ष्य 100 फीसदी हासिल कर लिया जाएगा।
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