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कर्नाटक : पांच वर्ष में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर 2600 करोड़ रुपए खर्च करेगी सरकार

locationबैंगलोरPublished: Oct 26, 2021 12:46:41 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य मलिन बस्तियों और वंचित क्षेत्रों में चिकित्सा केंद्र विकसित करना है

कर्नाटक : पांच वर्ष में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर 2600 करोड़ रुपए खर्च करेगी सरकार

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हुबल्ली. सरकार अगले पांच वर्ष में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए 2,600 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगी। केंद्र सरकार 15वीं वित्तीय योजना के तहत कुल धनराशि का लगभग 60 फीसदी प्रदान करेगी, जबकि शेष राशि राज्य सरकार वहन करेगी।

हुबल्ली के कर्नाटक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Karnataka Institute of Medical Sciences) में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा वाराणसी से आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (Ayushman Bharat Health Infrastructure Mission) के शुभारंभ कार्यक्रम के लाइव टेलीकास्ट में शामिल होने के बाद स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य मलिन बस्तियों और वंचित क्षेत्रों में चिकित्सा केंद्र विकसित करना है। राज्य के सभी जिलों को इस योजना से लाभ होगा और 17 मेडिकल कॉलेजों (Medical College) को स्वास्थ्य केंद्र इकाइयां मिलेंगी।

प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं
डॉ. सुधाकर (Dr. K. Sudhakar) ने कहा कि हानगल उपचुनाव मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basavaraj Bommai) के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं है। परिणामों को लेकर उत्सुकता है क्योंकि यह मुख्यमंत्री का गृह जिला है। मुख्यमंत्री ने उपचुनाव के पहले दिन कहा था कि यह उनकी प्रतिष्ठा नहीं बल्कि विकास का मुद्दा है।

नियमित जीनोमिक सीक्वेंसिंग के निर्देश
डॉ. सुधाकर ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को तीसरी लहर की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए नियमित आधार पर कोविड मरीजों के नमूनों की जीनोमिक सीक्वेंसिंग (genomic sequencing) करने के निर्देश दिए हैं। कुछ देशों में तीसरी लहर शुरू हो चुकी है। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की तरह कर्नाटक ने भी जीनोमिक सीक्वेंसिंग शुरू की दी है।
स्थिति पर नजर

उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेज (school and college) खुलने के बाद भी प्रदेश में कोविड के नए मामले नियंत्रित हैं। पूर्ण विश्लेषण के बाद सरकार ने प्राथमिक स्कूलों को हरी झंडी दी। सरकार स्थिति पर नजर रखेगी और अगर किसी स्कूल में पॉजिटिविटी दर एक फीसदी से ज्यादा होती है तो संबंधित स्कूल को दो सप्ताह के लिए बंद कर दिया जाएगा।

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