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पीपीपी मॉडल के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेजों को सुधारेगी प्रदेश सरकार

locationबैंगलोरPublished: Jan 14, 2020 07:47:44 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

नीति आयोग के अनुसार सीमित फंड और संसाधनों के साथ केंद्र या प्रदेश सरकार के लिए चिकित्सा शिक्षा को और बेहतर करना संभव नहीं है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के संयुक्त सहयोग से बदलाव संभव है।

पीपीपी मॉडल के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेजों को सुधारेगी प्रदेश सरकार

पीपीपी मॉडल के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेजों को सुधारेगी प्रदेश सरकार

– चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने माना प्रस्ताव

बेंगलूरु.

प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बुनियादी ढांचे को बेहतर करने और चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रदेश सरकार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP – पीपीपी) मॉडल के तहत काम करेगी। नीति आयोग के अनुसार सीमित फंड और संसाधनों के साथ केंद्र या प्रदेश सरकार के लिए चिकित्सा शिक्षा (Medical Education) को और बेहतर करना संभव नहीं है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के संयुक्त सहयोग से बदलाव संभव है। नीति आयोग के तहत निजी मेडिकल कॉलेजों से जिला अस्पतालों को जोड़ा जा सकता है। केंद्र और राज्य सरकार अपने सीमित संसाधन और सीमित खर्च की वजह से चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अंतर को खत्म नहीं कर सकते हैं। ऐसे मेें स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने और चिकित्सा क्षेत्र में पढ़ाई की लागत को तर्कसंगत बनाने के लिए यह पीपीपी मॉडल जरूरी है।

नीति आयोग (Niti Aayog) के इस प्रस्ताव को उप मुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. अश्वथ नारायण ने मान लिया है। उन्होंने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों को बेहतर बनाना अकेले सरकार के बूते से बाहर है। बिस्तरों और चिकित्सकों की कमी से लेकर ढांचागत समस्याएं हैं। पीपीपी मॉडल अपना इन समस्याओं से निपटा जा सकता है। यह समय की मांग भी है। इच्छुक निजी कंपनियों के साथ सरकार 60 वर्ष का अनुबंध करेगी। हालांकि फंड के बंटवारे को लेकर निर्णय होना बाकी है।

डॉ. अश्वथ नारायण ने बताया कि प्रदेश में 19 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। चार नए कॉलेज बनने हैं। अधिक विकास की गुंजाइश है। जो पीपीपी मॉडल से संभव है। उदाहरण के लिए 100 से 200 बिस्तर वाले सरकारी अस्पतालों को पीपीपी मॉडल से 600-700 बिस्तर वाले अस्पतालों में बदला जा सकता है। बिस्तरों के साथ उपचार की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।

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