अंग फेल होने के कारण देश में प्रति वर्ष करीब पांच लाख लोगों की जान चली जाती है। प्रमुख कारण है प्रत्यारोपण के लिए अंगदान की कमी। कई लोग प्रत्यारोपण का खर्च भी नहीं उठा पाते हैं।
राज्य में 65 मेडिकल कॉलेज हैं। अतिरिक्त कॉलेज खोले जा रहे हैं। अस्पतालों व कॉलेजों की संख्या के साथ गुणवतापूर्ण उपचार पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
हर मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन रिट्रिवल केंद की योजना
सरकार हर मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन रिट्रिवल केंद्र स्थापित करने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। निम्हांस के साथ सरकार साझेदारी करेगी। निम्हांस में ब्रेन डेथ के ज्यादा मामले सामने आते हैं।
चार फीसदी मरीजों को ही दान के रूप में अंग नसीब
चार फीसदी मरीजों को ही प्रत्यारोपण के लिए अंग मिल पाते हैं। अंग विफल होने के मामले भी बढ़े हैं। युवा वर्ग भी प्रभावित है। देश में हर साल 80 हजार लोगों को प्रत्यारोपण की जरूरत पड़ती है। लेकिन, करीब 1500 प्रत्यारोपण ही हो पाते हैं। कई लोग अपने जीवनकाल में एक बार रक्त दान तक नहीं करते हैं। कोविड महामारी के दौरान रक्तदान में कमी आई है। लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।
मौत के बाद दे सकते हैं आठ लोगों को जिंदगी
लोगों के समझाने की जरूरत है कि मौत के बाद वे करीब आठ लोगों को नई जिंदगी दे सकते हैं। धार्मिक भ्रांतियों के कारण भी अंगदान में कमी आई है। लेकिन, अंगदान से बड़ा पुण्य का कार्य कोई नहीं है।
मरीजों को भी जागरूक करने की जरूरत
प्रत्यारोपण को लेकर भी मरीजों को जागरूक करने की जरूरत है। कई मरीज प्रत्यारोपण के प्रतिकूल प्रभावों के भय से प्रत्यारोपण नहीं कराते हैं।