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शहरवासी करेंगे देहात दर्शन, ग्रामीण परिवेश से साक्षात्कार

locationबैंगलोरPublished: May 31, 2020 08:25:56 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

किसानों की आय बढ़ाने, सरकारी खजाना भरने के लिए अब होगा ‘एग्री टूरिज्म’नगरवासियों को सीधे उत्पाद बेचने का मिलेगा किसानों को मौका

शहरवासी करेंगे देहात दर्शन, ग्रामीण परिवेश से साक्षात्कार

शहरवासी करेंगे देहात दर्शन, ग्रामीण परिवेश से साक्षात्कार

बेंगलूरु.
तनाव, व्यस्तता, और प्रदूषण से भरी शहरी जिंदगी से अगर ऊब हो गई है तो गांव के शांत, शुद्ध एवं खुशहाल जीवन से साक्षात्कार का मौका मिलेगा। राज्य सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और सरकारी खजाने को भरने के लिए कृषि पर्यटन की योजना बना रही है। अगर कोई ग्रामीण परिवेश, खेती बाड़ी और लोक संस्कृति का लुत्फ उठाना चाहता है तो गांव-देहात जाकर उससे परिचित होने का अवसर सरकार देगी।
दरअसल, कृषि मंत्री बीसी पाटिल, बागवानी मंत्री नारायण गौड़ा और पर्यटन मंत्री सीटी रवि ने तीनों विभागों के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक में इस विचार को आगे बढ़ाया है। पर्यटन मंत्री सीटी रवि ने बताया कि इस विचारधारा के मुख्य अंशधारक किसान होंगे। शहरों से जाने वाले पर्यटक न सिर्फ खेती का अनुभव हासिल करेंगे बल्कि ग्रामीण खेलों, वहां की संस्कृति और वहां की लोक कलाओं से भी परिचित होंगे। वहां इस तरह की व्यवस्था की जाएगी कि किसान चाहें तो अपने उत्पाद सीधे शहरी लोगों को बेच सकते हैं। सरकार की योजना थीम आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने की है। इसके तहत कॉफी आदि फसलों की थीम पर पर्यटन की अवधारणा तैयार की जाएगी।
शहरी छात्र भी जाएंगे गांव-देहात
इस अवधारणा को टिकाऊ बनाने के लिए, पर्यटन विभाग आसपास के पर्यटक स्थलों को भी उससे जोडऩे पर विचार कर रहा है। इससे पर्यटन क्षेत्र को भी काफी लाभ मिलेगा। पर्यटन मंत्री के अनुसार शहरी स्कूली छात्रों को भी इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाया जाएगा ताकि वे ग्रामीण जीवन और खेती के बारे में जान सकें। थीम आधारित पर्यटन शुरू करने के लिए स्थानों की पहचान की जाएगी और इसके लिए एक समन्वय समिति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि यह इस कृषि पर्यटन की अवधारणा को पूर्ण रूप से लागू करने में लगभग एक साल का समय लग सकता है। कृषि मंत्री बीसी पाटिल के मुताबिक दक्षिण और उत्तर कर्नाटक में ऐसे गांवों की पहचान की जाएगी। यह योजना कृषि, बागवानी और पर्यटन विभाग के समन्वय से चलेगी।
दलित हेरिटेज भी
इस बीच समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को एक दलित हेरिटेज पर्यटन विकसित करने के लिए भी कहा गया है। यह दलितों से जुड़ी लोक कथाओं और उन विरासतों को बढ़ावा देने के लिए है। इसी तरह लम्बानी हेरिटेज टूरिज्म की अवधारणा विकसित करने की भी योजना है। पर्यटन मंत्री ने सुझाव दिया है कि हम्पी के निकट लम्बानियों के एक गांव को चिन्हित किया जाना चाहिए ताकि उसे पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बनाया जा सके। जो हम्पी आएंगे वे लम्बानी गांव भी जा सकते हैं।

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