इस अवधारणा को टिकाऊ बनाने के लिए, पर्यटन विभाग आसपास के पर्यटक स्थलों को भी उससे जोडऩे पर विचार कर रहा है। इससे पर्यटन क्षेत्र को भी काफी लाभ मिलेगा। पर्यटन मंत्री के अनुसार शहरी स्कूली छात्रों को भी इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाया जाएगा ताकि वे ग्रामीण जीवन और खेती के बारे में जान सकें। थीम आधारित पर्यटन शुरू करने के लिए स्थानों की पहचान की जाएगी और इसके लिए एक समन्वय समिति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि यह इस कृषि पर्यटन की अवधारणा को पूर्ण रूप से लागू करने में लगभग एक साल का समय लग सकता है। कृषि मंत्री बीसी पाटिल के मुताबिक दक्षिण और उत्तर कर्नाटक में ऐसे गांवों की पहचान की जाएगी। यह योजना कृषि, बागवानी और पर्यटन विभाग के समन्वय से चलेगी।
इस बीच समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को एक दलित हेरिटेज पर्यटन विकसित करने के लिए भी कहा गया है। यह दलितों से जुड़ी लोक कथाओं और उन विरासतों को बढ़ावा देने के लिए है। इसी तरह लम्बानी हेरिटेज टूरिज्म की अवधारणा विकसित करने की भी योजना है। पर्यटन मंत्री ने सुझाव दिया है कि हम्पी के निकट लम्बानियों के एक गांव को चिन्हित किया जाना चाहिए ताकि उसे पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बनाया जा सके। जो हम्पी आएंगे वे लम्बानी गांव भी जा सकते हैं।